नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 35वीं बैठक समाप्त हो गई। वित्त मंत्री
निर्मला सीतारमण की पहली बार अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल ने इस बैठक में
कारोबारियों के साथ-साथ आम जनता को बड़ी राहत दी गई है। जीएसटी काउंसिल की
बैठक में व्यापारियों को बड़ी राहत देते हुए वार्षिक रिटर्न दाखिल करने के
लिए अंतिम तारीख दो महीने बढ़ा दी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अब उन्हें अगस्त तक रिटर्न दाखिल
करना होगा। मोदी सरकार की वापसी के बाद हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में की
फैसले लिए गए। अब कोई भी नया कारोबारी आधार के जरिए अपना जीएसटी में
रजिस्ट्रेशन कर सकेगा। इस बैठक में आठ बड़े फैसले लिए गए। इसके अलावा 1
जनवरी 2020 से कारोबारियों को केवल एक पेज का रिटर्न फॉर्म भरना होगा। वहीं
मल्टीप्लेक्स में ई-टिकट को अनिवार्य किया जाएगा।
आधार नंबर से होगा जीएसटी पंजीकरण...
काउंसिल
ने नई फर्मों के पंजीकरण की प्रक्रिया सरल करते हुए 12 अंकों के आधार नंबर
का इस्तेमाल करके रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी है। राजस्व सचिव अजय भूषण
पांडेय ने बताया कि कारोबारी ऑनलाइन आधार नंबर के जरिए आवेदन कर सकेंगे।
इसके लिए उनके पास ओटीपी आएगा और बाद में जीएसटीएन पोर्टल में रजिस्ट्रेशन
होने के बाद रजिस्ट्रेशन नंबर मिल जाएगा। इसके साथ ही पहले ही सरकार जीएसटी
रजिस्ट्रेशन की सीमा को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर चुकी है।
बढ़ गई रिटर्न दाखिल करने की तारीख...
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