नई दिल्ली । लॉकडाउन के कारण रेहड़ी-पटरी वालों के रोजगार पर पड़े असर को दूर करने के लिए संचालित पीएम स्वनिधि योजना का असर देखने को मिला है। सिर्फ चार महीने के अंदर 24 लाख से अधिक स्ट्रीट वेंडर्स ने इस योजना के तहत लोन मांगा है। मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस से कहा कि इतनी संख्या में आए आवेदनों से योजना की जागरूकता और सफलता के बारे में पता चलता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आवास शहरी कार्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, दो जुलाई योजना की शुरूआत से अब तक लोन के लिए कुल 24,39,471 आवेदन आए हैं, जिसमें से 12,00,990 आवेदनों को मंजूरी मिली है। अब तक 5,29,570 को लोन जारी हो चुका है। पीएम स्वनिधि यानी पीएम स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना की इस सफलता के पीछे मंत्रालय के एक संबंधित अधिकारी ने आईएएनएस से कहा, "राज्य सरकार, शहर, बैंक और स्ट्रीट वेंडर्स की सक्रिय भागीदारी से योजना को सफलता मिली है।"
दरअसल, कोरोना काल में रेहड़ी-पटरी, ठेले या सड़क किनारे दुकान लगाने वालों के रोजगार पर भारी असर पड़ा था। ऐसे लोगों को आर्थिक सहायता देकर रोजगार में मदद के लिए जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पीएम स्वनिधि योजना को मंजूरी मिली थी। जिसके बाद दो जुलाई से योजना का संचालन शुरू हुआ। इसके तहत स्ट्रीट वेंडर्स को अधिकतम 10 हजार रुपये तक का कर्ज मिलता है। खास बात है कि आसान शर्तों और बगैर किसी गारंटी के यह लोन मिलता है। सड़कों के किनारे फल-सब्जी, सैलून, पान आदि दुकानें चलाने वालों को भी इस योजना के तहत लोन मिलता है। (आईएएनएस)
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