राष्ट्रपति अशरफ गनी की 24 अक्टूबर को भारत की एक दिवसीय यात्रा के बाद
भारत की ओर से इस भेंट को भेजने का निर्णय किया गया था। सुषमा स्वराज ने 29
अक्टूबर को इस भेंट को अफगानिस्तान तक पहुंचाने के लिए चाबहार बंदरगाह पर
जहाज की आवाजाही करने देने के लिए ईरान का आभार जताया था। भारत ने
अफगानिस्तान के लोगों को अनुदान के आधार पर 11 लाख टन गेहूं देने की
प्रतिबद्धता जताई थी, जिसके अंतर्गत गेहूं की यह खेप भेजी गई है। तीनों
देशों के बीच समझौते के बाद चाबहार के रास्ते भारत से अफगानिस्तान भेजी
जानी वाली यह गेहूं की पहली खेप है। ये भी पढ़ें - यहां सुहाग उजड़ने के भय से करवा चौथ का व्रत नहीं
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