मालदा। जिले के प्रतिष्ठित मालदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल एक बार फिर प्रशासनिक अनदेखी और श्रमिक असंतोष का केंद्र बन गया है। अस्पताल के ट्रॉमा केयर बिल्डिंग में कार्यरत अस्थायी कर्मचारियों ने सोमवार सुबह से वेतन में अनियमितता के खिलाफ हड़ताल की घोषणा कर दी है। हड़ताल में सुरक्षा गार्ड, हाउस स्टाफ, और अन्य तकनीकी व गैर-तकनीकी स्टाफ शामिल हैं।
कर्मचारियों का आरोप : महीनों से नहीं मिला वेतन ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रदर्शनकारी कर्मचारियों का कहना है कि वे एक निजी एजेंसी के माध्यम से ट्रॉमा केयर बिल्डिंग में अस्थायी रूप से कार्यरत हैं। लेकिन पिछले कई महीनों से उन्हें समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है।
"कभी दो महीने में, कभी तीन महीने में वेतन मिलता है। कई बार तो महीने का अंत भी पार हो जाता है, लेकिन वेतन का कोई अता-पता नहीं होता," – एक हाउस स्टाफ कर्मी ने कहा।
बकाया वेतन और प्रशासनिक चुप्पी
हड़ताल पर बैठे कई कर्मचारियों का दावा है कि उनका तीन से चार महीने का वेतन अभी तक बकाया है। इस आर्थिक अस्थिरता के कारण उन्हें अपने घर चलाना मुश्किल हो रहा है। बावजूद इसके, न तो एजेंसी की ओर से और न ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से कोई ठोस आश्वासन दिया गया है।
एक प्रदर्शनकारी गार्ड ने बताया : "हम रोज़ मरीजों और अस्पताल की सुरक्षा के लिए ड्यूटी करते हैं, लेकिन हमारा खुद का जीवन असुरक्षित है। क्या यही न्याय है?"
ट्रॉमा सेंटर की सेवाएं प्रभावित
हड़ताल का असर सीधे तौर पर ट्रॉमा केयर बिल्डिंग की कार्यप्रणाली पर पड़ा है। कई विभागों में सेवाएं बाधित हुई हैं और मरीजों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, अस्पताल प्रशासन ने सीमित संसाधनों के साथ जरूरी सेवाएं चालू रखने की कोशिश की है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
मालदा मेडिकल कॉलेज प्रशासन की ओर से फिलहाल कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रिंसिपल ऑफिस और एजेंसी प्रबंधन के बीच बैठक की कोशिश की जा रही है ताकि वेतन विवाद को सुलझाया जा सके।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया : "यह मामला सीधे तौर पर आउटसोर्सिंग एजेंसी से जुड़ा हुआ है। हम कोशिश कर रहे हैं कि एजेंसी अपने कर्मचारियों के भुगतान में नियमितता लाए।"
स्थायी समाधान की मांग : हड़ताल कर रहे कर्मचारियों की मुख्य मांगें हैं, समय पर मासिक वेतन भुगतान, बकाया वेतन का त्वरित भुगतान, भविष्य में वेतन में देरी न हो, इसकी लिखित गारंटी, कार्य स्थितियों में सुधार और मानवीय व्यवहार।
कई प्रदर्शनकारी कर्मचारियों ने यह भी मांग की है कि उन्हें भविष्य में स्थायी कर्मचारी के रूप में भर्ती किया जाए, ताकि इस प्रकार की अस्थिरता से निजात मिल सके।
राजनीतिक और सामाजिक संगठनों का समर्थन
सूत्रों के अनुसार, कुछ स्थानीय सामाजिक संगठन और श्रमिक यूनियनें इस आंदोलन को समर्थन देने की तैयारी में हैं। यदि जल्द ही समाधान नहीं निकला, तो यह हड़ताल और व्यापक रूप ले सकती है, जिससे मालदा मेडिकल कॉलेज की संपूर्ण व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।
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