कोलकाता | पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के पायराडांगा में तृणमूल कांग्रेस की पंचायत प्रधान फाल्गुनी बिस्वास पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए कई पोस्टर लगाए गए, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। पोस्टरों में पंचायत द्वारा खरीदी गई जमीन की कीमत को लेकर सवाल उठाए गए हैं।
स्थानीय लोगों ने प्रीतिनगर भूदेव मेमोरियल स्कूल की चारदीवारी और हाल ही में खरीदी गई कृषि भूमि के पास सफेद कागज पर लिखे पोस्टर देखे, जिनमें लिखा था— ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
"सात लाख की जमीन 37 लाख में क्यों खरीदी गई? फाल्गुनी बिस्वास, कृपया जवाब दें।" "फाल्गुनी बिस्वास, कृपया जवाब दें कि ज़मीन नियमों के अनुसार क्यों नहीं खरीदी गई?" "पंचायत अध्यक्ष फाल्गुनी बिस्वास और कांग्रेस पंचायत समिति सदस्य विजयेंदु बिस्वास को सजा दो।"
पोस्टर के नीचे "माँ, माटी, मानुष" लिखा गया था, जो तृणमूल कांग्रेस का प्रमुख नारा है।
विपक्ष ने साधा निशाना, भाजपा ने बताया 'गुटीय संघर्ष'
इस पूरे घटनाक्रम के बाद विपक्षी दल भाजपा ने इसे तृणमूल कांग्रेस के अंदरूनी कलह का नतीजा बताया। भाजपा का दावा है कि "तृणमूल कांग्रेस का एक गुट दूसरे गुट के खिलाफ पोस्टर लगा रहा है। यह पार्टी के भीतर भाई-भतीजावाद और गुटबाज़ी को उजागर करता है।"
भाजपा नेताओं ने कहा कि "राज्य में तृणमूल कांग्रेस की सरकार भ्रष्टाचार और अराजकता को बढ़ावा दे रही है, और जनता 2026 में इसका जवाब देगी।"
क्या है विवाद की जड़?
तृणमूल पंचायत द्वारा खरीदी गई इस विवादित जमीन पर श्मशान घाट बनाए जाने की योजना है। लेकिन आरोप है कि इस जमीन को बाजार मूल्य से कहीं अधिक कीमत पर खरीदा गया, जिससे भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
सरकार और पंचायत की चुप्पी
अब तक फाल्गुनी बिस्वास या तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, इस मुद्दे को लेकर क्षेत्र में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है और लोगों की निगाहें प्रशासन की अगली कार्रवाई पर टिकी हैं।
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