कोलकाता। पश्चिम बंगाल में रामनवमी पर भडक़ी हिंसा को देखते हुए आज हनुमान जयंती पर होने वाले कार्यक्रमों को शांतिपूर्ण तरीके से पूरा कराना पुलिस प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती है। यह उनके लिए परीक्षा की घड़ी है क्योंकि कुछ इलाके अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। ऐसे में हनुमान जयंती पर मंदिरों समेत तमाम संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई है। पश्चिम बंगाल पुलिस ने अगले दो दिनों के लिए सभी मंदिरों, मस्जिदों और धार्मिक संस्थानों को अतिरिक्त सुरक्षा प्रदान की है और सशस्त्र रैलियों और जुलूस पर प्रतिबंध लगा दिया है। आसनसोल-दुर्गापुर पुलिस कमिश्नर एलएन मीणा ने कहा, हमने प्रदेश में शांति बनाए रखने के लिए कोलकाता और राज्य के अन्य हिस्सों से अतिरिक्त बल बुलवाया है, इस दौरान केवल बिना हथियारों के जुलूस को ही अनुमति होगी। उन्होंने बताया कि पुलिस उन सभी शरारती तत्वों पर बारीकी से नजर बनाए हुए है, जो हिंसा फैलाने का प्रयास कर सकते हैं। वहीं, राम नवमी उत्सव के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं को देखते हुए बीजेपी और विश्व हिन्दू परिषद ने हनुमान जयंती के अवसर पर किसी भी बड़ी रैली को नहीं निकालने का फैसला किया है। दोनों पार्टी और संगठन ने अपने कार्यक्रमों को मंदिर और स्थानीय क्लबों तक सीमित रखने का फैसला किया है। पश्चिम बंगाल में भाजपा के महासचिव सायंतन बासु ने कहा कि हनुमान जयंती पर पार्टी कोई रैली नहीं निकालेगी।
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