कोलकाता, । संकेत साफ हैं कि पश्चिम
बंगाल में राजभवन-राज्य सचिवालय के बीच सब कुछ ठीक होने का दौर समाप्ति की
ओर बढ़ रहा है।
राज्यपाल सीवी आनंद बोस की वर्तमान प्रधान सचिव नंदिनी चक्रवर्ती को तत्काल
प्रभाव से बदलने के लिए रविवार को राजभवन से राज्य सचिवालय को एक आधिकारिक
अनुरोध के बावजूद, राज्य सरकार की ओर से इस संबंध में अभी तक कोई जवाब या
पहल नहीं हुई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सोमवार को भी, गवर्नर हाउस ने कथित तौर पर राज्य
सचिवालय नबन्ना को चक्रवर्ती को उनके वर्तमान कार्यभार से मुक्त किए जाने
के बारे में सूचित किया। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग के अधिकारी ने
बताया कि प्रमुख सचिव के प्रतिस्थापन के मामले में, मुख्य सचिव को औपचारिक
निर्देश या राज्यपाल से प्रतिस्थापन के लिए अनुमोदन के बाद एक अधिसूचना
जारी करनी होगी।
अधिकारी ने कहा, राज्यपाल अभी दिल्ली में हैं और
मेरी राय में केवल इसी कारण से चीजें रुकी हुई हैं। उन्होंने यह भी बताया
कि राज्यपाल के प्रमुख सचिव की नियुक्ति का अधिकार राज्य सरकार के पास है,
जो आम तौर पर राज्यपाल के सुझावों का सम्मान करती है। यह सवाल घूम रहा है
कि क्या राज्य सचिवालय जल्द ही कोई निर्णय लेगा और चक्रवर्ती के
प्रतिस्थापन की घोषणा करेगा या वह उसे पद पर बनाए रखना पसंद करेगा।
राजनीतिक
पर्यवेक्षकों का मानना है कि प्रमुख सचिव के प्रतिस्थापन का मुद्दा
राजभवन-सचिवालय के झगड़े के एक और अध्याय की शुरूआत को चिह्न्ति करेगा जैसा
कि पूर्व राज्यपाल जगदीप धनखड़ के कार्यकाल के दौरान स्पष्ट था, जो
वर्तमान में भारत के उपराष्ट्रपति हैं। राजनीतिक पर्यवेक्षकों का मानना है
कि बदले जाने की मांग वाले गवर्नर हाउस के समय ने भी घटनाओं के पूरे क्रम
को दिलचस्प बना दिया है। प्रतिस्थापन के लिए औपचारिक अनुरोध राज्य भाजपा
अध्यक्ष सुकांत मजूमदार द्वारा राज्य में मौजूदा स्थिति से अवगत कराने के
लिए राज्यपाल को बुलाए जाने के ठीक एक दिन बाद आया।
वास्तव में,
राज्य भाजपा नेतृत्व, विशेष रूप से विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी, काफी
समय से चक्रवर्ती के खिलाफ हैं। दरअसल, अधिकारी ने चक्रवर्ती पर राजभवन में
राज्य सरकार के प्रत्यारोपण के रूप में कार्य करने और राज्यपाल को गुमराह
करने का भी आरोप लगाया है।
पश्चिम बंगाल कैडर के 1994 बैच की आईएएस
अधिकारी चक्रवर्ती को अंतरिम गवर्नर ला गणेशन के कार्यकाल के दौरान
राज्यपाल का प्रधान सचिव नियुक्त किया गया था। आनंद बोस के कार्यभार
संभालने के बाद भी वह अपने पद पर बनी रहीं। उन्होंने गणतंत्र दिवस और
सरस्वती पूजा के दो अवसरों पर 26 जनवरी को गवर्नर हाउस में बंगाली भाषा में
आनंद बोस की हेट खोरी में एक प्रमुख भूमिका निभाई, जहां मुख्यमंत्री ममता
बनर्जी मुख्य अतिथि थीं।
--आईएएनएस
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