कोलकाता | कोलकाता में एक विशेष धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) अदालत ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री और तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पार्थ चटर्जी की न्यायिक हिरासत 7 फरवरी तक बढ़ा दी है। पार्थ चटर्जी राज्य में शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में जेल में बंद हैं। उनकी करीबी सहयोगी और सह-आरोपी अर्पिता मुखर्जी की भी न्यायिक हिरासत बढ़ने का आदेश दिया गया। हैरानी की बात यह है कि दोनों में से किसी ने वर्चुअली सुनवाई के लिए पेश होते हुए जमानत की अपील नहीं की, बल्कि सिर्फ न्यायिक हिरासत में बेहतर इलाज की सुविधा मांगी।
ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
चटर्जी की वकील सुकन्या भट्टाचार्य ने अदालत को सूचित किया कि उनके मुवक्किल को पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही है और इस संबंध में पर्याप्त व्यवस्था की जानी चाहिए।
चटर्जी ने खुद अदालत को सूचित किया कि उनकी वर्तमान स्वास्थ्य स्थिति अस्थिर है। चटर्जी ने न्यायाधीश से कहा कि जेल में इलाज की कोई सुविधा नहीं है। मुझे उचित चिकित्सा, जांच और दवाओं की जरूरता है। लेकिन जेल में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं है। मैं बीमार हूं कृपया कुछ करें।
दूसरी ओर, मुखर्जी ने कहा कि जेल के अधिकारियों से अपील करने के बावजूद उन्हें पर्याप्त चिकित्सा सुविधा नहीं मिल रही है। उन्होंने कहा, मुझे जरूरत के अनुसार उचित दवाएं नहीं मिल रही हैं। मुझे आवंटित वार्ड में मैं बेहद असहज महसूस कर रही हूं।(आईएएनएस)
भारत ने बांग्लादेश को 7 विकेट से हराया, सीरीज में 1-0 की बढ़त
महिला टी20 विश्व कप: भारत ने पाकिस्तान को 6 विकेट से पीटा
हरियाणा में एग्जिट पोल अगर नतीजों में बदले तो कौन होगा कांग्रेस की ओर से सीएम का चेहरा, जानें कितने हैं दावेदार
Daily Horoscope