कोलकाता। आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की एक जूनियर डॉक्टर के साथ जघन्य बलात्कार और हत्या को लेकर पिछले दो दिन में सरकारी अस्पतालों के 250 से अधिक वरिष्ठ डॉक्टरों के सामूहिक इस्तीफे के बाद राज्य सरकार ने पश्चिम बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फोरम (डब्ल्यूबीजेडीएफ) के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार रात एक आपातकालीन बैठक बुलाई है।
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बैठक का समय रात 7.45 बजे रखा गया था। राज्य सरकार की ओर से डब्ल्यूबीजेडीएफ को भेजी गई एक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में भाग लेने के लिए आठ से 10 जूनियर डॉक्टरों के एक प्रतिनिधिमंडल को आमंत्रित किया गया है।
डब्ल्यूबीजेडीएफ बैठक में भाग लेने के लिए सहमत हो गया है। बैठक मुख्य सचिव मनोज पंत की मौजूदगी में साल्ट लेक स्थित राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुख्यालय स्वास्थ्य भवन में आयोजित की जा रही है।
हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चला है कि स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम बैठक में उपस्थित होंगे या नहीं जिन्हें हटाने की मांग डॉक्टर कर रहे हैं।
डब्ल्यूबीजेडीएफ के प्रतिनिधि देबाशीष हलदर ने कहा, "राज्य सरकार हमारे समर्थन में जन आंदोलन का दबाव महसूस करने लगी है। आम लोग हमारे साथ आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। हमने बैठक में भाग लेने का फैसला किया है। कृपया यह न सोचें कि हमने किसी दबाव के तहत यह फैसला किया है। हम अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए बैठक में भाग "
भूख हड़ताल पर बैठे सात जूनियर डॉक्टरों में से एक अर्नब मुखोपाध्याय ने कहा, "हम अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं। जब तक हमारी दस सूत्री मांगों में से नौ, जो राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में हैं, पूरी नहीं हो जातीं, हम अपने आमरण अनशन से पीछे नहीं हटेंगे। हम शारीरिक रूप से कमजोर होते जा रहे हैं, लेकिन मानसिक रूप से नहीं। इसलिए मैं आम लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे हमारे साथ मजबूती से खड़े रहें, जैसा कि उन्होंने अब तक किया है।" आमरण अनशन का आज पांचवां दिन है।
--आईएएनएस
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