कोलकाता। एकल कृषि प्रणाली किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या है, जिसके कारण मिट्टी की उर्वरा शक्ति क्षीण होती जा रही है। यह कहना है पद्मश्री अलंकरण से सम्मानित किसान भारत भूषण त्यागी का। बुलंदशहर निवासी भारत भूषण त्यागी का मानना है कि किसानों को हर साल गेहूं, धान व सोयाबीन जैसी एक ही फसल जमीन के किसी विशेष टुकड़े में नहीं उगाना चाहिए क्योंकि इससे मिट्टी की ताकत कम हो जाती है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि एकल कृषि प्रणाली एक बड़ी समस्या है और किसानों को इससे निजात पाना चाहिए तभी उनकी आय बढ़ेगी और मिट्टी की ताकत बनी रहेगी। आईएएनएस से खास बातचीत में त्यागी ने कहा कि प्रकृति में सह-अस्तित्व होता है और एक साथ कई फसलें जैसे गन्ने के साथ लहसुन, गाजर, चुकंदर, मूंग, उड़द व कुछ अन्य फसलें उगाई जा सकती हैं जिससे किसानों को एक साथ एक से अधिक फसल मिल जाती हैं और इन फसलों से एक-दूसरे को लाभ मिलता है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति में विविधता है और यह विविधता मानवीय जरूरतों की पूर्ति करने में सहायक होती है। उन्होंने कहा कि पशुचारे से लेकर लकड़ी तक कई प्रकार की जरूरतें हैं जिसकी पूर्ति प्रकृति से होती है, लिहाजा जोतों के आकार के अनुसार, प्रकृति की इस विविधता को बनाए रखने के लिए विविध प्रकार की फसल लगाने की जरूरत है जो किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हो।
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