कोलकाता। आरएसएस के नागपुर में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने के मामले में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है कि वे इस बारे में अभी भी नहीं बोलेंगे, जो भी कहेंगे नागपुर में ही कहेंगे। एक न्यूज एजेंसी से मुखर्जी ने कहा कि मुझे कई पत्र आए और कई लोगों ने फोन किए, लेकिन मैंने किसी को जवाब नहीं दिया। अब वे नागपुर में ही अपनी बात रखेंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
आपको बता दें कि प्रणब मुखर्जी के आरएसएस के कार्यक्रम में शामिल होने की जानकारी मिलने के बाद कांग्रेस के एक धड़े में विरोध के स्वर भी उठने लगे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जय राम रमेश और सीके जाफर ने मुखर्जी को पत्र भेजकर उनसे कार्यक्रम में जाने के फैसले पर फिर से विचार करने को कहा है। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम का कहना था कि वह (प्रणब मुखर्जी) आरएसएस का निमंत्रण स्वीकार कर चुके हैं। ऐसे में अब ये बातें कहना बेकार है कि कार्यक्रम में जाना चाहिए या नहीं।
आपको बता दें कि पूर्व राष्ट्रपति ने आरएसएस के हेडक्वॉर्टर पर होने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम के समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। इस कारण कई कांग्रेस नेता विरोध कर रहे हैं। वहीं केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि मुखर्जी का आमंत्रण स्वीकार करना अच्छी पहल है। राजनीतिक छुआछूत अच्छी बात नहीं है।
मुखर्जी नागपुर में 7 जून को आरएसएस के उन स्वयंसेवकों को संबोधित करेंगे, जिन्होंने संघ के शैक्षिक पाठ्यक्रम का तृतीय शिक्षा वर्ग पास किया है। इस ट्रेनिंग में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर कार्यकर्ता पूर्णकालिक प्रचारक बनते हैं।
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