एसएफआई नेता सोमनाथ साउ ने कहा कि छात्र समुदायों के बीच नफरत को बढ़ावा देने वालों को उनके दुष्प्रचार के प्रसार के लिए इस जगह का इस्तेमाल नहीं होने देंगे जो रबींद्रनाथ टैगोर के आदर्शों पर बनी है। छात्रों के आरोपों का जवाब देते हुए सांसद ने कहा कि मैं विश्व भारती में नागरिकता संशोधन कानून की भाषण श्रंखला के तहत बोलने आया था। यह किसी राजनीतिक पार्टी का कार्यक्रम नहीं था। गौरतलब है कि विश्व भारती (केंद्रीय विश्वविद्यालय) की स्थापना नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने 1921 में की थी।
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