कोलकाता। सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता के रेप-मर्डर केस के संबंध में हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टरों को आज शाम पांच बजे तक अपने कर्तव्यों पर लौटने का आदेश दिया है। हालांकि, डॉक्टरों ने कोर्ट के आदेश को मानने से इंकार कर दिया है और अपनी हड़ताल को जारी रखने का निर्णय लिया है।
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सुप्रीम कोर्ट के अल्टीमेटम के बावजूद, जूनियर चिकित्सक हड़ताल पर अडिग हैं। कोर्ट के आदेश के बाद, डॉक्टरों ने एक मैराथन बैठक की और एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि वे "काम बंद" आंदोलन जारी रखेंगे। डॉक्टरों ने स्वास्थ्य भवन के खिलाफ एक नया अभियान शुरू करने की घोषणा की है, जो मंगलवार को दोपहर एक बजे से करुणामयी से सॉल्टलेक के सेक्टर फाइव स्थित स्वास्थ्य भवन तक जारी रहेगा। डॉक्टरों ने स्पष्ट किया कि वे तब तक धरने पर बैठेंगे जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं।
डॉक्टरों ने स्वास्थ्य शिक्षा निदेशक प्रोफेसर डॉ. कौस्तव नायेक और स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम के इस्तीफे की मांग की है। इसी मांग के समर्थन में स्वास्थ्य भवन अभियान की घोषणा की गई है।
प्रदर्शनकारी डॉक्टरों में से एक ने कहा, "हमारी मांगें पूरी नहीं हुई हैं और पीड़ित को न्याय नहीं मिला है। हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे और 'काम बंद' भी करेंगे।" पिछले करीब एक महीने से डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में हड़ताल पर हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हड़ताली डॉक्टरों को राज्य सरकार की प्रतिकूल कार्रवाई से बचाने का आश्वासन देने के बाद ड्यूटी पर लौटने का निर्देश दिया था, लेकिन डॉक्टरों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।
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