कोलकाता। तिब्बत के आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा ने गुरुवार को भारत और चीन के रिश्तों के आगे ले जाने के लिए हिंदी-चीनी भाई भाई के भाव की पहचान और सम्मान को बढ़ावा देने की बात कही। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन द्वारा आपत्ति जताए जाने के सवाल पूछे जाने पर दलाई लामा ने मीडिया से कहा, भारत और चीन को हिंदी-चीनी भाई भाई के सम्मान के लिए अंतत: रास्ते खोजने होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दलाई लामा ने इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में कहा कि चीन को भारत की और भारत को चीन की जरूरत है और दोनों को एक साथ रहना है। उन्होंने कहा, शांति से रहने और एक-दूसरे की सहायता करने के अलावा दोनों देशों के पास और कोई रास्ता नहीं है।
लाई लामा ने कहा अतीत गुजर चुका है। हमें भविष्य पर ध्यान देना होगा। तिब्बती चीन के साथ रहना चाहते हैं। उन्होंने कहा, हम स्वतंत्रता नहीं मांग रहे हैं। हम चीन के साथ रहना चाहते हैं। हम और विकास चाहते हैं।
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