कोलकाता। पश्चिम बंगाल में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से चिकित्सा सेवाओं का संकट गहरा गया है। हड़ताल का असर राजधानी दिल्ली तक भी पडा है। डीएमए (दिल्ली में मेडिकल एसोसिएशन)ने भी शुक्रवार को 'मेडिकल बंद' रखने का निर्णय किया है। दिल्ली के एम्स अस्पताल में आज कोई डॉक्टर आेपीडी में मरीजों को नहीं देखेंगे। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित देश के कई हिस्सों में डॉक्टरों ने काम करने से मना कर दिया है। DMA की ओर से आज दोपहर दिल्ली के राजघाट के पास प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की जाएगी। कई शहरों में डॉक्टर सड़क पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं और नारेबाजी कर रहे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं गुरुवार को भी डॉक्टरों ने विरोध जताने के लिए पट्टी बांधकर काम किया। ऐसे में डर है कि देशभर में डॉक्टर इस हड़ताल में शामिल हो सकते हैं। हड़ताल के चलते मरीजों को संकट का सामना करना पड़ रहा है और इलाज ठीक तरह से नहीं मिलने से मरीजों की तबीयत भी बिगड़ रही है।पश्चिम बंगाल सरकार हड़ताली जूनियर डॉक्टरों पर कड़ी
कार्रवाई करने की तैयारी में है। पश्चिम बंगाल मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष
निर्मल माजी ने गुरुवार को कहा कि हड़ताली डॉक्टर अगर काम पर नहीं लौटे तो
उनका पंजीयन रद्द हो सकता है और उनका इंटर्नशिप पूरा होने का पत्र रोक दिया
जाएगा।
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