कोलकाता। इंडिया ब्लॉक की पहली समन्वय समिति की बैठक में तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी की कुर्सी खाली रही। इसको लेकर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई में असंतोष बढ़ता दिख रहा है।
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समन्वय समिति की बैठक के दिन ही पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के स्कूल में नौकरी के लिए नकद मामले में पूछताछ के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बनर्जी को बुलाया था।
यह बैठक 13 सितंबर को राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित की गई थी।
कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल का यह बयान कि समन्वय समिति की पहली बैठक के दिन ही बनर्जी को पूछताछ के लिए बुलाना एजेंसियों के गलत इस्तेमाल का एक और उदाहरण है। बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष और पांच बार के लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि स्कूल नौकरी मामले में तृणमूल कांग्रेस की संलिप्तता किसी से छिपी नहीं है।
उन्होंने कहा, “जांच के दायरे से बाहर रहना अब संभव नहीं है क्योंकि यह पेशेवरों की नियुक्ति में किया गया सुनियोजित भ्रष्टाचार था। ईडी और सीबीआई को अपराधियों को पकड़ने के लिए और अधिक व्यवस्थित तरीके से काम करना चाहिए।”
बागी कांग्रेस नेता और कलकत्ता हाई कोर्ट के वकील कौस्तुव बागची ने कहा कि पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के ऐसे बयानों से पश्चिम बंगाल में जमीनी स्तर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच पार्टी के सटीक रुख को लेकर भ्रम पैदा हो रहा है।
बागची ने कहा, "मैंने वेणुगोपाल को उनके बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए एक पत्र लिखा है और उन्हें याद दिलाया है कि स्कूल नौकरी मामले में केंद्रीय एजेंसी की जांच न केवल अदालत के आदेश पर है बल्कि अदालत की निगरानी में भी है। इसलिए मैंने उनसे अनुरोध किया है कि वे उन भ्रष्ट व्यक्तियों के साथ खड़े न हों जिनकी पिछले कुछ वर्षों का एकमात्र लक्ष्य पश्चिम बंगाल में कांग्रेस को खत्म करना रहा है।” (आईएएनएस)
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