कोलकाता। कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति बिस्वजीत बसु ने सोमवार को कहा कि पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले की जांच के हर कदम में अदालत केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का मार्गदर्शन नहीं कर सकती है। जस्टिस बसु ने कोर्ट में मौजूद सीबीआई के वकील और जांच अधिकारियों से कहा, यह अच्छा नहीं लगता कि अदालत आपको जांच की प्रक्रिया में उठाए जाने वाले हर कदम पर निर्देश देगी। अपना काम खुद करें। आप क्या चाहते है कि अदालत आपको यह भी निर्देश दे कि मामले में किससे पूछताछ की जाए। आप रोजाना अदालत में पेश हो रहे हैं, सलाह सुन रहे हैं और वापस जा रहे हैं। यह व्यवस्था जारी नहीं रह सकती। कृपया तथ्य पर अमल करें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
न्यायमूर्ति बसु ने सवाल किया कि सीबीआई के अधिकारी हिरासत में क्यों नहीं ले रहे हैं और घोटाले में शामिल अन्य लोगों से पूछताछ क्यों नहीं कर रहे हैं।
न्यायमूर्ति बसु ने कहा, रिश्वत देने वाले और रिश्वत लेने वाले दोनों समान रूप से दोषी हैं। आप उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ क्यों नहीं कर रहे हैं? सीबीआई इस मामले में इतनी आनाकानी क्यों कर रही है? मुझे लगता है कि अपराध की आय में शामिल बहुत सारा पैसा अब तक कहीं और ट्रांसफर कर दिया गया है।
चार दिनों के भीतर यह दूसरी बार है, जब सीबीआई अधिकारियों को शिक्षक भर्ती घोटाले के सिलसिले में कलकत्ता उच्च न्यायालय के क्रोध का सामना करना पड़ा है।
2 फरवरी को, न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने घोटाले की जांच कर रहे सीबीआई के विशेष जांच दल (एसआईटी) के सभी सदस्यों की संपत्ति का ब्योरा मांगते हुए कहा कि मामले में केंद्रीय एजेंसी के उदासीन रवैये के बाद ऐसा लगता है कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से जांच को संभालना होगा और प्रधानमंत्री को एक रिपोर्ट भेजनी होगी।
हाल ही में, उन्होंने मामले की जांच कर रही सीबीआई की एसआईटी से एक इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी को बदलने का भी आदेश दिया।
--आईएएनएस
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