कोलकाता। कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर शनिवार को एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा और इस मुद्दे पर एक सार्वजनिक बहस कराने तथा मामले की गहन जांच कराने की मांग की।कांग्रेस ने सरकार पर रक्षा खरीद प्रक्रिया को नजरंदाज करने और सौदे को लेकर वरिष्ठ मंत्रियों को गफलत में रखने का आरोप लगाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने मीडिया से बातचीत के दौरान सरकार पर काफी महंगे दाम पर विमान सौदा करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की अगुवाई में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार ने संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल के मुकाबले तीनगुना से भी ज्यादा कीमतों पर विमान का सौदा किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पश्चिम बंगाल प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में चिदंबरम ने कहा कि हमारा मानना है कि मसला काफी गंभीर है, इसलिए इस पर सार्वजनिक बहस होनी चाहिए। साथ ही, मामले की गहन जांच होनी चाहिए। यही कारण है कि कांग्रेस अध्यक्ष (राहुल गांधी) और पार्टी ने मसले को उठाया है। उन्होंने कहा कि संप्रग सरकार ने 126 राफेल विमान का सौदा किया था, जिनमें 18 विमान तैयार अवस्था में और बाकी 108 का विनिर्माण फ्रांस की कंपनी दसॉल्ट एविएशन के साथ प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के तहत भारत में बेंगलुरू स्थित हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा किया जाना था।
चिदंबरम ने आरोप लगाया कि एक विमान का सौदा 526 करोड़ रुपए में किया गया था। अगर 18 विमानों के बदले 36 विमान भी खरीदते तो इस कीमत पर उसका कुल मूल्य 18,940 करोड़ रुपए होता। लेकिन 2014 में संप्रग के सत्ता से बाहर होने के बाद राजग की सरकार बनी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 अप्रैल, 2015 को फ्रांस के अपने आधिकारिक दौरे के दौरान 36 राफेल विमान की खरीद का करार करने की घोषणा की। चिदंबरम ने कहा कि हालांकि विमान की कीमत नहीं बताई गई, मगर दसॉल्ट एविएशन के कागजात के आधार पर बाद में आई रिपोर्ट में विमान की कीमत 7.5 अरब यूरो बताई गई है, जोकि तकरीबन 60,145 करोड़ रुपए के बराबर है।
उन्होंने बताया कि संप्रग सरकार के दौरान जहां एक विमान का सौदा 526 करोड़ रुपए में हुआ था, वहीं प्रधानमंत्री के दौरे के समय एक विमान का सौदा 1,670 करोड़ रुपए में किया गया। इस प्रकार 36 विमानों का कुल मूल्य 60,145 करोड़ रुपए हो गया। अगर ये आंकड़े सही हैं तो क्या कोई बताएगा कि कीमतों में तीनगुनी वृद्धि क्यों हुई? यह पहला सवाल है, जिसका सरकार के पास जवाब यह है कि यह गुप्त करार है और हम कीमत नहीं बता सकते।चिदंबरम ने कहा कि मैं आज जो कीमत बता रहा हूं, उसमें गुप्त क्या है? यह दसॉल्ट की सालाना रपट में है।
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