कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधानसभा में कांग्रेस के इकलौते विधायक बायरन बिस्वास ने बुधवार को सुरक्षा के लिए कलकत्ता हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। मुर्शिदाबाद जिले में अल्पसंख्यक बहुल सागरदिघी विधानसभा क्षेत्र में हाल के उपचुनाव में बिस्वास को वाम मोर्चा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में चुना गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस नेता ने न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ के समक्ष एक याचिका दायर की, जिसमें उन्होंने पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए अदालत के निर्देश की मांग की थी।
अपनी याचिका में कांग्रेस नेता ने दावा किया कि सागरदिघी से विधायक चुने जाने के बाद से उन्हें धमकी भरे फोन आ रहे थे। हालांकि, इस संबंध में उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय और पश्चिम बंगाल पुलिस दोनों को सूचित किया था, लेकिन दोनों पक्षों में से किसी ने भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
न्यायमूर्ति मंथा ने उनकी याचिका स्वीकार कर ली है और मामले की सुनवाई 15 मई को होगी।
2021 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और वाम मोर्चा दोनों ने कोई सीट नहीं जीती थी। तृणमूल कांग्रेस के विधायक और मंत्री सुब्रत साहा के आकस्मिक निधन से सागरदिघी में उपचुनाव हुआ। तृणमूल कांग्रेस के इस गढ़ से बिस्वास विजेता बनकर उभरे।
सागरदिघी उपचुनाव के नतीजे तृणमूल के समर्पित अल्पसंख्यक वोट बैंक में गिरावट का पहला संकेत थे।
--आईएएनएस
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