कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2023-24 को 'दृष्टिहीन' बताया है, क्योंकि इसमें रोजगार सृजन की दिशा में कोई दिशा नहीं है। सीएम ममता बनर्जी ने बीरभूम जिले में राज्य सरकार के एक कार्यक्रम में कहा कि इस दृष्टिहीन बजट में जो कुछ भी है वह अमावस्या का अंधेरा है। बजट में नए रोजगार पैदा करने की दिशा में कोई दिशा नहीं दी गई है। तो, एक तरह से इस बजट में देश के बेरोजगार युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है।
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इसके विपरीत बजट प्रस्तावों में 100 दिनों की नौकरियों के लिए बजटीय आवंटन में भारी कटौती का प्रस्ताव किया गया है। वैसे भी केंद्र सरकार मनरेगा योजना के तहत राज्य सरकार को देय राशि का भुगतान नहीं कर रही है। अब बजटीय आवंटन में यह कटौती ग्रामीण गरीबों के जीवन को और भी दयनीय बना देगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, हालांकि वित्त मंत्री ने दावा किया है कि दीन दयाल अंत्योदय योजना ने ग्रामीण महिलाओं को 81 लाख स्वयं सहायता समूहों में लाकर उल्लेखनीय सफलता हासिल की है, लेकिन इस प्रगति का वास्तविक श्रेय पश्चिम बंगाल सरकार को है।
सीएम ममता ने आगे कहा कि जब हम पश्चिम बंगाल में सत्ता में आए, तो राज्य में स्वयं सहायता समूहों की कुल संख्या सिर्फ 1 लाख थी। पिछले 11 सालों में यह संख्या बढ़कर 11 लाख हो गई है। इसलिए वास्तविक श्रेय पश्चिम बंगाल को जाता है। केंद्र सरकार ने वास्तव में स्वयं सहायता समूहों को क्रेडिट लिंकेज से इनकार करके वंचित कर दिया है।
सीएम ममता के अनुसार, केंद्रीय वित्त मंत्री ने जो बजट प्रस्ताव शुरू किए हैं, वह उनके लिए महज आधे घंटे की घोषणा है। आदर्श बजट प्रस्ताव वे हैं जो मुद्रास्फीति को कम करने का रास्ता दिखाते हैं और इस प्रकार गरीब और आम लोगों को राहत देते हैं।
--आईएएनएस
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