कोलकाता, । कलकत्ता हाईकोर्ट की
एकल-न्यायाधीश पीठ ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल में करोड़ों रुपये के शिक्षक
भर्ती घोटाले में तेहट्टा विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के एक अन्य
विधायक तापस साहा के खिलाफ जांच का आदेश दिया।
भर्ती घोटाले में साहा के शामिल होने के आरोप कुछ समय पहले लगे थे और राज्य
पुलिस भी मामले की जांच कर रही थी। हालांकि मंगलवार को कलकत्ता हाई कोर्ट
के जस्टिस राजशेखर मांथा की सिंगल जज बेंच ने केंद्रीय जांच ब्यूरो
(सीबीआई) को तत्काल प्रभाव से जांच अपने हाथ में लेने का निर्देश दिया है।
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न्यायमूर्ति
मंथा ने राज्य पुलिस को केस-डायरी सहित संबंधित सभी दस्तावेजों को जल्द से
जल्द केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों को सौंपने का भी निर्देश दिया।
साहा
के खिलाफ मुख्य आरोप यह है कि उन्होंने अयोग्य उम्मीदवारों को सरकारी
स्कूलों में अवैध रूप से नौकरी दिलाने के लिए 16 करोड़ रुपये लिए।
मामले
में एक जनहित याचिका 2018 में कलकत्ता हाई कोर्ट में भाजपा नेता और उसी
अदालत के वकील तरुणज्योति तिवारी द्वारा दायर की गई थी। उस जनहित याचिका पर
एकल न्यायाधीश की पीठ ने सीबीआई को तापस साहा के खिलाफ जांच शुरू करने का
आदेश दिया था।
आदेश के बाद मीडियाकर्मियों को अपनी प्रतिक्रिया देते
हुए तिवारी ने कहा कि साहा के टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ के अलावा
विभिन्न विभागों में भर्तियों में शामिल होने के आरोप हैं।
तिवारी
ने कहा कि हालांकि, राज्य पुलिस इस तरह के आरोपों की जांच कर रही है, लेकिन
उन्होंने उन्हें कभी हिरासत में नहीं लिया और न ही उनसे पूछताछ की। जांच
शुरू होने के एक साल बाद भी चार्जशीट क्यों नहीं लगाई गई, इस पर राज्य
पुलिस कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। इसलिए पीठ ने सीबीआई को साहा के
खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश दिया।
--आईएएनएस
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