नई दिल्ली । भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को लेकर तल्ख तेवर दिखाती रही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पिछले कुछ दिनों से अपने बयानों को लेकर फिर से चर्चा में हैं, लेकिन इस बार वो न तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की आलोचना कर रही है और न ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। अपने राजनीतिक स्टाइल से बिल्कुल अलग हटकर टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पहले आरएसएस की तारीफ की और फिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की। दरअसल, ममता बनर्जी ने हाल ही में यह बयान देकर लोगों को चौंका दिया था कि आरएसएस में अच्छे लोग भी हैं। उनके बयान के राजनीतिक मतलब और मायने निकाले ही जा रहे थे कि ममता बनर्जी के एक और बयान ने लोगों को चौंका दिया। जब देश के ज्यादातर विपक्षी राजनीतिक दलों के मुखिया ईडी और सीबीआई जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे हों, उस समय ममता बनर्जी ने यह बोलकर कि ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाथ नहीं है, सबको चौंका दिया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ममता बनर्जी के इन दोनों बयानों को लेकर कई तरह के कयास लगाए ही जा रहे थे कि इस बीच भाजपा ने बिल्कुल साफ कर दिया है कि भाजपा या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ममता बनर्जी की मान्यता की जरूरत नहीं है और पश्चिम बंगाल में उनकी सरकार में जो लूट मची हुई है उस लूट का हिसाब ममता बनर्जी को देना ही होगा।
पश्चिम बंगाल भाजपा के सह प्रभारी अमित मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि भाजपा में किसी को भी खासतौर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ममता बनर्जी की मान्यता की आवश्यकता नहीं है। उनकी पूरी सरकार, शीर्ष मंत्री, पार्टी पदाधिकारी और परिवार के सदस्य केंद्रीय एजेंसियों के रडार पर हैं, क्योंकि अदालतों ने जांच का आदेश दिया था। मालवीय ने कहा कि ममता बनर्जी को लूट का हिसाब देना ही होगा।
--आईएएनएस
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