कोलकाता। भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई में अंदरूनी मतभेद अब किसी से छिपे नहीं रह गए हैं। मंगलवार की सुबह कोलकाता के विधान नगर स्थित करुणामयी इलाके में भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच हुई आपसी मारपीट ने पार्टी की अंदरूनी कलह को एक बार फिर सार्वजनिक मंच पर ला दिया। यह घटना उस समय घटी जब पार्टी कार्यकर्ता तृणमूल नेता अनुब्रत मंडल की वायरल ऑडियो क्लिप के आधार पर उनकी गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे।
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इस प्रदर्शन का आयोजन विधान नगर के भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा किया गया था। प्रदर्शन के दौरान, लेकटाउन क्षेत्र के भाजपा नेता पीयूष कनारिया के नेतृत्व में एक अन्य गुट वहां पहुंचा। इसके बाद दोनों गुटों के बीच शुरू हुई बहस देखते ही देखते हाथापाई में बदल गई। चश्मदीदों के अनुसार, कुछ कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर न केवल शाब्दिक हमले किए बल्कि धक्का-मुक्की और मारपीट तक की नौबत आ गई।
आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति
विधान नगर के भाजपा नेतृत्व ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि पीयूष कनारिया, जो उनके अनुसार एक निलंबित भाजपा कार्यकर्ता हैं, अपने समर्थकों के साथ प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे और वहां उत्तेजना फैलाने का प्रयास किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कनारिया का मकसद विरोध प्रदर्शन को भटकाना और संगठन में अशांति फैलाना था।
वहीं दूसरी ओर, पीयूष कनारिया ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा,
"हमारी पार्टी बड़ी हो रही है, इसलिए कुछ लोग असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। मतभेद पार्टी के अंदर हैं, लेकिन इन्हें मिल बैठकर सुलझाया जा सकता है।"
बढ़ती गुटबाज़ी और नेतृत्व की चुनौती
घटना ने पार्टी की आंतरिक अनुशासन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले भी भाजपा की बंगाल इकाई में गुटबाज़ी की खबरें आती रही हैं, लेकिन सार्वजनिक रूप से इस प्रकार की हाथापाई पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचाने वाली कही जा सकती है। ऐसे समय में जब पार्टी राज्य में विपक्ष के तौर पर खुद को मजबूत करने का प्रयास कर रही है, कार्यकर्ताओं का यह बर्ताव नेतृत्व के लिए बड़ी सिरदर्दी बन सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह घटना महज एक झड़प नहीं बल्कि बंगाल भाजपा में नेतृत्व और रणनीति की असहमति का संकेत है। पार्टी में असंतुष्ट नेताओं और निलंबित कार्यकर्ताओं के बीच बढ़ता वैचारिक टकराव अब सड़क पर दिखाई देने लगा है।
तृणमूल की प्रतिक्रिया
तृणमूल कांग्रेस ने इस पूरे घटनाक्रम पर तीखा तंज कसते हुए कहा है कि भाजपा को अपने घर की सफाई पहले करनी चाहिए। पार्टी प्रवक्ता ने कहा,
"जो पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को संभाल नहीं सकती, वह राज्य को कैसे संभालेगी? यह भाजपा की हताशा और अराजकता का प्रमाण है।"
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