कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मंगलवार को कहा कि भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के योगदान और भूमिका को अतीत में जानबूझकर हटाने का प्रयास किया गया।
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महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी की 127वीं जयंती के अवसर पर राज्यपाल ने कहा, मैं एक जिम्मेदार राज्यपाल के रूप में कह रहा हूं कि अतीत में स्वतंत्रता आंदोलन में नेताजी की भूमिका को इतिहास के पन्नों से हटाने का एक निश्चित और जानबूझकर प्रयास किया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी नेताजी को इतिहास के सही परिप्रेक्ष्य में पेश करने की आवश्यकता को स्वीकार किया था।
राजभवन परिसर में एक समारोह में नेताजी को श्रद्धांजलि देते हुए राज्यपाल ने कहा, यह सुनिश्चित करना प्रत्येक भारतीय नागरिक की जिम्मेदारी है कि नेताजी को इतिहास में उनका उचित स्थान मिले।
उन्होंने राजभवन के मुख्य पोर्टिको का नाम नेताजी के नाम पर रखने के निर्णय की भी घोषणा की। उन्होंने यह भी घोषणा की कि उनके कार्यालय द्वारा एक विशेष शोध दल का गठन किया जाएगा, जिसका कार्य नेताजी के जीवन और योगदान पर व्यापक शोध करना होगा।
राज्यपाल ने कहा कि टीम का गठन विभिन्न राज्य-संचालित और निजी पुस्तकालयों से जुड़े प्रशंसित पुस्तकालयाध्यक्षों के साथ किया जाएगा। उन्होंने कहा कि समय-समय पर व्याख्यान और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे ताकि नेताजी के जीवन और योगदान को सही परिप्रेक्ष्य में चित्रित किया जा सके।
--आईएएनएस
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