कोलकाता। 40 दिन सलाखों के पीछे बिताने के बाद पश्चिम बंगाल में ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट के विधायक नौशाद सिद्दीकी को कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जमानत दे दी। अदालत ने एआईएसएफ के 63 अन्य कार्यकर्ताओं को भी जमानत दे दी, जिन्हें 11 जनवरी की दोपहर सिद्दीकी के साथ गिरफ्तार किया गया था, जब पार्टी द्वारा एक विरोध रैली को लेकर पुलिस और एआईएसएफ कार्यकर्ताओं के बीच झड़प के बाद मध्य कोलकाता की सड़कें युद्ध के मैदान में तब्दील हो गई थीं। मामले में जांच के दौरान इस सिलसिले में कुल 88 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एआईएसएफ विधायक को जमानत देते हुए, न्यायमूर्ति देबांगशु बसाक ने उनके वकील की दलीलों को स्वीकार कर लिया कि पुलिस यह साबित करने वाले पुख्ता दस्तावेज नहीं दे सकी कि सिद्दीकी ने उस दिन पुलिस कर्मियों पर हमला करने में मुख्य भूमिका निभाई थी।
बुधवार को, न्यायमूर्ति बसाक ने पुलिस से उस दिन की घटना के वीडियो फुटेज के अलावा अपने आरोपों के समर्थन में अदालत में और अधिक पुख्ता दस्तावेज जमा करने को कहा। हालांकि, सरकारी वकील इस पर अतिरिक्त पुष्टि करने वाले दस्तावेज प्रदान करने में असमर्थ थे।
--आईएएनएस
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