कोलकाता। पश्चिम बंगाल के उत्तरी पर्वतीय इलाके में पृथक राज्य की मांग
को लेकर चल रहा विरोध-प्रदर्शन शनिवार को फिर से हिंसक हो उठा और गोरखालैंड
समर्थकों ने एक रेलवे स्टेशन, एक पुलिस सीमा चौकी और कई सरकारी कार्यालयों
पर तोडफ़ोड़ की, जिसमें तीन व्यक्तियों की मौत हो गई तथा एक पुलिसकर्मी
घायल हो गया। ताजा हिंसा को देखते हुए इलाके में सेना को तैनात कर दिया गया
है। दर्जिलिंग जिले के एक अधिकारी ने बताया, ‘‘तीन व्यक्तियों की मौत हुई
है, जिनमें एक की मौत शुक्रवार की रात और दो व्यक्तियों की मौत शनिवार को
हुई।’’ शुक्रवार की रात फिर से भडक़ी हिंसा शनिवार को तेज होती देख सरकार ने
सेना बुलाने का फैसला किया। रक्षा मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘सेना
की दो टुकडिय़ां तैनात की गई हैं। एक टुकड़ी दार्जिलिंग और एक टुकड़ी
सोनादा में तैनात की गई है, जहां एक रेलवे स्टेशन पर आगजनी की गई।’’ ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
वहीं
कोलकाता में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शांति बनाए रखने की अपील की और
कहा कि वह अगले 10-15 दिनों में प्रदर्शकारियों के साथ बातचीत के लिए तैयार
हैं, अगर वे हिंसा छोड़ देते हैं। ममता ने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्री
राजनाथ सिंह के साथ भी बातचीत के लिए तैयार हैं, अगर वह चाहें तो। पुलिस पर
गोरखालैंड के एक कार्यकर्ता ताशी भूटिया की गोली मारकर हत्या करने का आरोप
लगाते हुए गोरखालैंड जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के समर्थकों ने शनिवार को
जमकर उत्पात किया। पुलिस ने वहीं जीजेएम द्वारा लगाए गए आरोप से इनकार किया
है।
दार्जिलिंग जिले के सोनादा में शुक्रवार की देर रात अचानक भडक़ी
हिंसा में 30 वर्षीय तासी भूटिया की मौत हो गई। भूटिया को अपना सक्रिय
कार्यकर्ता बताते हुए गोरखालैंड गोरखा नेशनल लिबरेशन फ्रंट (जीएनएलएफ) ने
आरोप लगाया है कि उसकी मौत पुलिस की गोलीबारी से हुई। जीएनएलएफ के नेता
नीरज जिम्बा ने कहा, ‘‘एक निर्दोष गोरखालैंड समर्थक की गोली मारकर हत्या कर
दी गई...हम बेहद दुखी हैं और सदमे में हैं।’’ दूसरी ओर जीजेएम ने मृतक को
अपना सदस्य बताया है। जीजेएम के सहायक महासचिव बिनय तमांग ने कहा, ‘‘इस
पर्वतीय इलाके में एक और व्यक्ति की मौत हो गई।’’ मृतक के परिवार वालों
द्वारा सोनादा पुलिस चौकी पर दर्ज शिकायत में कहा गया है कि भूटिया दवा
खरीदने जा रहा था, जब उसकी मौत पुलिस की गोली लगने से हुई।
पुलिस का
समर्थन करते हुए राज्य के पर्यटन मंत्री गौतम देब ने कहा, ‘‘भूटिया की मौत
पुलिस की गोली से होने का आरोप पूरी तरह झूठा है।’’ लेकिन जिले के एक
अधिकारी ने कहा है कि भूटिया ने ‘खुकरी’ से हमला किया था, जिसके चलते पुलिस
को आत्मरक्षा में गोली चलानी पड़ी। व्यक्ति की मौत के बाद इलाके में हिंसा
फिर से भडक़ उठी और जीजेएम तथा जीएनएलएफ के कार्यकर्ताओं ने सोनादा पुलिस
चौकी पर हमला कर दिया और पुलिस के यातायात बूथ में आग लगा दी, जिसमें एक
पुलिसकर्मी घायल हो गया। दार्जिलिंग में पुलिस उपाधीक्षक (कस्बा) और खाद्य
एवं आपूर्ति विभाग के कार्यालयों में भी तोडफ़ोड़ की गई।
दिन चढऩे
के साथ इलाके में स्थिति बिगड़ती ही गई और उपद्रवियों ने नेओरा रेंज सरकारी
आवासों और कलिम्पोंग जिले के गोरुबाथान में दो वाहनों को आग लगा दी। इसके
अलावा दार्जिलिंग के मिरिक में स्थित टर्बो चाय कारखाने के नजदीक एक पुलिस
चौकी को भी आग लगा दी गई। पुलिस ने तोडफ़ोड़ और आगजनी के लिए जीजेएम को
जिम्मेदार ठहराया है, लेकिन जीजेएम ने इससे इनकार किया है। जीजेएम सूत्रों
ने आरोप लगाया है कि दार्जिलिंट मोटर स्टैंड के पास पुलिस द्वारा की गई
गोलीबारी में उनके एक समर्थक की मौत हो गई। इसी इलाके में हिंसा के दौरान
एक और व्यक्ति की मौत हुई। इस बीच जीजेएम की सेंट्रल कमिटी ऑफ डुअर्स ने
बुधवार को भूख हड़ताल पर जाने का ऐलान किया है।
वहीं कोलकाता स्थित
राज्य सचिवालय में प्रेस वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री ममता ने राज्य के
पर्वतीय इलाके में भडक़ी ताजा हिंसा के लिए भाजपा के करीबी ‘बाहरी ताकतों’
पर आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र सरकार का राज्य के साथ
असहयोगात्मक रवैया रहा है और कुछ केंद्रीय एजेंसियां हस्तक्षेप कर रही हैं,
जो संघीय ढांचे के खिलाफ है।’’ ममता के मुताबिक, ‘‘बंगाल और राज्य से लगी
अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को अशांत करने की साजिश की जा रही है। हमने कई बार
केंद्रीय बलों की तैनाती के लिए अनुरोध किया है। क्या उन्होंने समय पर
तैनाती की है?... मौजूदा हालात से बचा जा सकता था।’’
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