दार्जिलिंग। पश्चिमोत्तर बंगाल की
पहाड़ियों में रविवार को अभी तक किसी हिंसा की खबर नहीं है और जनजीवन पटरी
पर लौट आया है। हालांकि सोमवार से गोरखा जनमुक्ति मोर्चा (जीजेएम) के
अनिश्चितकालीन बंद के आह्वान से अनिश्चितता बरकरार है।
सुरम्य पर्यटक शहर में फिलहाल जो सैलानी मौजूद हैं, वे रविवार से बाहर
घूमने निकलने लगे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जीजेएम के महासचिव रोशन गिरी के अनुसार,
"हमारे इस आह्वान के तहत सोमवार से ब्लॉक विकास कार्यालय, प्रखंड कार्यालय,
जिलाधीश कार्यालय, बैंक, गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (पहाड़ी विकास
निकाय) के कार्यालयों सहित सभी केंद्रीय और राज्य सरकार के कार्यालय बंद
रहेंगे।"
स्कूल और कॉलेज, परिवहन और पर्यटन, होटल, भोजनालय, और दुकानों को इस बंद से बाहर रखा गया है।
एक
पर्यटक ने बताया, "यहां अनिश्चितता है। जीजेएम ने हालांकि कहा कि पर्यटन
क्षेत्र बंद के दायरे से बाहर है, लेकिन हमें नहीं पता कि सोमवार से क्या
होगा। हम दोपहर में सिलीगुड़ी जाने की योजना बना रहे हैं। कुछ पर्यटक
सिक्किम भी जा रहे हैं।"
दार्जिलिंग के कई पर्यटक रविवार सुबह कोलकाता पहुंचे।
जीजेएम
के अध्यक्ष बिमल गुरुंग की अध्यक्षता में शनिवार को हुई जीजेएम की
केंद्रीय समिति की बैठक के बाद पार्टी नेताओं ने ममता बनर्जी की अगुवाई
वाली राज्य सरकार से एक अलग राज्य गोरखालैंड की मांग की है।
गिरी ने कहा कि बिजली और खदान जैसे राज्य सरकार के राजस्व स्रोत भी बंद के दायरे में होंगे।
पुलिस और जीजेएम समर्थकों के बीच संघर्ष के बाद जिला पुलिस ने एक खोज अभियान शुरू किया।
दार्जिलिंग सदर पुलिस थाने के एक अधिकारी के मुताबिक, पांच जीजेएम कार्यकर्ताओं को अब तक गिरफ्तार किया गया है।
दार्जिलिंग, कलिंपोंग और कुर्सियांग कस्बों में रविवार सुबह सेना ने गश्त नहीं की।
आईएएनएस
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