पिथौरागढ। उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से कुदरत का कहर जारी है।
पिथौरागढ के पास बादल फट गया जिसके बाद कैलाश मानसरोवर की यात्रा रोक दी गई
है। मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार 4 एसएसबी के जवान और 3 स्थानीय लोग
लोग लापता है। मालपा में 3 लोगों के शव भी बरामद किए गए है। एसएसबी के 4
जवान और एक जेसीओ पंगाटी नाला से बचाए गए हैं। धारचुला से सेना बचाव दल
मौके पर पहुंच गया है। वहीं मांगती में 2 पुल पानी में बह गए है, 1 सिमखौला
में बह गया। आपको बता दें कि काली नदी खतरे के निशाने से ऊपर है।
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प्राकृतिक
आपदा का असर देश के कई हिस्सों में देखा जा रहा है। हिमाचल प्रदेश के मंडी
में भी भूस्खलन की चपेट में आने से कई लोगों की जान चली गई है। अब तक मरने
वालों की संख्या 46 हो गई है। आपको बता दें कि यह हादसा इतना भयानक है कि
अभी और लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। रविवार देर शाम तक
रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद राहत बचाव का काम रोक दिया गया है।
बताया
जा रहा है कि हादसा शनिवार देर रात हुआ था। जब एक बस चंबा से मनाली जा रही
थी, जबकि दूसरी मनाली से जम्मू की तरफ जा रही थी। बताया जा रहा है कि
मंडी-पठानकोट राजमार्ग पर कोटरूपी के पास रोडवेज की दो बसें रुकी हुई थीं।
इसी दौरान बादल फटने और भूस्खलन के चलते एक बड़ा पत्थर मनाली से कटरा जाने
वाली बस के ऊपर आ गिरा। जिसके चलते ये बस लुढक़ते हुए 200 मीटर गहराई में जा
गिरी।
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