इस तरह से शताक्षी स्कूल आने और जाने में 40 किमी की दूरी तय करती थी।
शताक्षी तिवारी स्कूल पहुंचने और स्कूल से घर पहुंचने के लिए 40 किलोमीटर
का सफर तय करती थी। शताक्षी देहरादून में आईआईटी की तैयारी कर रही हैं।
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शताक्षी बताती है कि पढ़ाई के लिए उनकी इस मेहनत में उनको पूरे परिवार का
सहयोग मिला है। शताक्षी की मां सुनीता तिवारी कंडीसौड़ में हेल्थ सुपरवाइजर
हैं जबकि पिता अनूप तिवारी इंजीनियर हैं। शताक्षी का कहना है कि वो आईआईटी
में प्रोफेसर बनना चाहती हैं।
उत्तराखंड बोर्ड परीक्षा में इस बार करीब
2.5 लाख से अधिक छात्र-छात्रों ने हाई स स्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा दी
थी।
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