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जोशीमठ में बर्फबारी के चलते रुका धवस्तीकरण का काम

Demolition work halted due to snowfall in Joshimath - Joshimath News in Hindi

जोशीमठ। पहाड़ों से लेकर मैदान तक एक बार फिर मौसम बदल गया है। पहाड़ों पर जहां बर्फबारी हो रही है, वहीं मैदानों में बारिश का दौर शुरू हो गया है। जोशीमठ में बर्फवारी ने मुश्किलें और बढ़ा दी है। जोशीमठ में भारी बर्फबारी के कारण धवस्तीकरण का काम रोक दिया गया है। काम बंद होने के चलते होटल माउंट व्यू व मलारी इन के समीप राष्ट्रीय राजमार्ग खोल दिए गए हैं। बर्फबारी के चलते यहां लोगों का सामान अभी तक शिफ्ट नहीं हो पाया है। प्रभावितों के बाहर पड़े समान में बर्फ जम गई है। वहीं प्रभावित अपने घरों को खाली कर राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं।
चमोली जिले में एक दर्जन से अधिक गांव बर्फ से ढके हैं। बारिश और बर्फबारी से कड़ाके की ठंड पड़ रही हैं। गुरुवार देर शाम से जिले में बारिश-बर्फबारी का दौर जारी है।
चमोली डीएम हिमांशु खुराना ने बताया कि मजदूर काम नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए जोशीमठ में चल रहा तोड़ फोड़ का काम बंद कर दिया गया है। स्थिति में सुधार होने पर काम फिर से शुरू होगा। बर्फबारी से मंडल-चोपता हाईवे और घाट-रामणी मोटर मार्ग बंद हो गया है।
शुक्रवार को जिला आपदा कंट्रोल रूम से मिली जानकारी के अनुसार बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब के साथ ही फूलों की घाटी, औली, गौरसों बुग्याल, रूद्रनाथ, लाल माटी, जोशीमठ नगर, सुतोल, कनोल, डुमक, कलगोठ, उर्गम, भेंटी, सुराईथोटा, भल्लागांव, पाणा, ईराणी, झींझी आदि गांवों में तड़के से बर्फबारी हो रही है।
बदरीनाथ धाम में करीब दो और हेमकुंड साहिब में तीन फीट तक बर्फ जम गई है। जोशीमठ और घिंघराण क्षेत्र में साल की पहली बर्फबारी हुई है। जिससे यहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है। जोशीमठ में प्रशासन की ओर से जगह-जगह अलाव की व्यवस्था की गई है।
भू-धंसाव से प्रभावित जोशीमठ में असुरक्षित घोषित हो चुके ऐसे 21 भवन तोड़े जाएंगे। इनमें दो होटल, लोनिवि का गेस्ट हाउस, तीन आवासीय भवन और जेपी कॉलोनी के 15 घर शामिल हैं। जेपी कॉलोनी के घर कॉलोनी के लोग खुद तोड़ेंगे। प्रशासन ने इसकी इजाजत दे दी है। तिरछे हो चुके दो अन्य होटलों को भी खाली करा दिया गया है।
बदरी-केदार मंदिर समिति ने नृसिंह मंदिर परिसर में बिना अनुमति यज्ञ, अनुष्ठान व अन्य आयोजनों पर रोक लगा दी है। इस बीच 24 घंटे के भीतर ही पानी का फिर से रिसाव बढ़ गया है। लेकिन राहत वाली बात यह है कि क्रेकोमीटर की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले तीन दिनों से क्षतिग्रस्त भवनों की दरारें नहीं बढ़ी हैं।
उधर, देहरादून में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिला प्रशासन को प्रभावित परिवारों की रायशुमारी से जल्द से जल्द राहत की रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अफसरों को ताकीद किया कि सभी पर्वतीय शहरों में ड्रेनेज और सीवर सिस्टम की योजना बनाई जाए। 27 जनवरी को हाईपावर कमेटी की बैठक बुलाई गई है, जिसमें जोशीमठ के विस्थापन, पुनर्वास व पुनर्निर्माण योजना पर कुछ निर्णय हो सकते हैं।
जोशीमठ में पानी का रिसाव फिर बढ़ गया है। सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा के मुताबिक, जेपी कॉलोनी के पास पानी का रिसाव 100 एलपीएम से बढ़कर 150 एलपीएम हो गया है। लेकिन भवनों की दरारें पिछले तीन दिन से नहीं बढ़ी हैं।
आपदा प्रबंधन डा. सिन्हा के मुताबिक सीबीआरआई की ओर से भवनों में लगाए गए क्रेकोमीटर की रिपोर्ट बता रही है कि न दरारों की संख्या बढ़ी न उनकी चौड़ाई। इससे लग रहा है चीजें स्थिर हो रही हैं।
--आईएएनएस

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Web Title-Demolition work halted due to snowfall in Joshimath
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