हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में आज तीन दिवसीय गायत्री जयंती महापर्व का उल्लासपूर्ण वातावरण में भव्य शुभारंभ हुआ। इस पर्व की शुरुआत मंगलवार सुबह एक विशाल शोभायात्रा के साथ हुई, जिसे शांतिकुंज के वरिष्ठ प्रतिनिधि डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह शोभायात्रा शांतिकुंज के गेट नंबर दो से प्रारंभ होकर हरिपुरकलां होते हुए देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुँची और युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य व वंदनीया माताजी की समाधि पर आरती के साथ समाप्त हुई।
शोभायात्रा में शांतिकुंज के कार्यकर्ता, विभिन्न राज्यों से आए प्रशिक्षणार्थी, गायत्री परिवार के सदस्य और बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। शोभायात्रा में 'घर-घर अलख जगाएंगे' के गगनभेदी उद्घोष, ज्योतिकलश यात्रा की सुंदर झांकी, प्रज्ञा बैंड की मधुर धुनें और शांतिकुंज के बालकों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक झलकियाँ आकर्षण का केंद्र रहीं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ. प्रणव पण्ड्या और श्रद्धेया शैलदीदी ने अपने संदेश में कहा कि यह पर्व आत्मिक चेतना के जागरण और राष्ट्र के नवनिर्माण का आधार बनेगा। युवा आइकॉन डॉ. चिन्मय पण्ड्या ने युवाओं से गायत्री साधना, युग निर्माण और समाजोत्थान के इस अभियान में अग्रणी भूमिका निभाने का आह्वान किया।
शाम को गायत्री तीर्थ के मुख्य सभागार में भजन संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत 'आप हिम्मत बंधाकर हमें चल दिए, किंतु सामीप्य की याद तो आयेगी' जैसे मार्मिक भजन से हुई, जिसने वातावरण को भावविभोर कर दिया।
गायत्री विद्यापीठ के किशोर बालक-बालिकाओं ने सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दीं, जबकि शांतिकुंज की बहनों और संगीत विभाग के संगीतज्ञ भाइयों ने अपने सुमधुर गीतों के माध्यम से पूज्य गुरुदेव को श्रद्धांजलि अर्पित की। शांतिकुंज मीडिया विभाग के अनुसार, इस तीन दिवसीय महापर्व में देश-विदेश से लाखों गायत्री परिवार के सदस्य विभिन्न आध्यात्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में जुड़ रहे हैं।
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