आईएएनएस को उत्तराखंड पुलिस के मोबाइल रिकवरी सेल मुख्यालय से हासिल
अनुमानित आंकड़ों के मुताबिक, जबसे इस विशेष सेल का गठन हुआ, तब से अब तक
यानि 26 महीने में 1,643 मोबाइल फोन बरामद किए जा चुके हैं। इस हिसाब से एक
अनुमान के मुताबिक 75 मोबाइल प्रति माह इस मोबाइल रिकवरी सेल ने तलाश कर
लिए।
इतनी बड़ी तादाद में बरामद मोबाइल फोन की कीमत दो करोड़ पांच लाख 37
हजार 500 रुपए आंकी गई, जोकि भारत जैसे विशाल देश के किसी सूबे की पुलिस
द्वारा बरामद मोबाइल की सबसे ज्यादा रिकॉर्ड तादाद कही जा सकती है। करोड़ों
की कीमत वाले और इतनी बड़ी तादाद में बरामद मोबाइल फोन को उनके
वारिसों/मालिकों तक पहुंचाने के लिए भी उत्तराखंड पुलिस को भागीरथ प्रयास
करने पड़ रहे हैं।
इस बात से राज्य के पुलिस महानिदेशक अपराध एंव कानून
व्यवस्था अशोक कुमार इंकार नहीं करते हैं। आईएएनएस से खास बातचीत में
उन्होंने कहा, हां शुरुआती दौर में जब पुलिस ने घर-घर पहुंच लोगों को
बुलाकर उन्हें उनके खोए मोबाइल देने लिए बुलाया तो किसी को विश्वास ही नहीं
हो रहा था। अब मीडिया के जरिये जबसे इतनी बड़ी तादाद में मोबाइल बरामदगी
की खबरों का प्रचार-प्रसार हो रहा है तब से तो लोग खुद ही मोबाइल रिकवरी
सेल मुख्यालय पर पहुंच रहे हैं।
उत्तराखंड राज्य के पुलिस महानिदेशक अपराध
एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार से जब आईएएनएस ने पूछा, मोबाइल तलाशने के इस
नायाब फार्मूले को अमल में लाने वाला उत्तराखंड राज्य देश का पहला राज्य
और पुलिस पहली प्रदेश पुलिस बन गई है क्या? इस पर उन्होंने आईएएनएस से कहा,
हो सकता है ऐसा हो। इसका दावा मगर मैं नहीं कर सकता। हां इतना मुझे
विश्वास है कि इतनी कम समयावधि में इतनी बड़ी तादाद में शायद ही किसी अन्य
राज्य की पुलिस द्वारा मोबाइल बरामद करके उन्हें उनके मालिकों तक घर-घर
पहुंचकर बांटने की प्रक्रिया अमल में लाई गई होगी।
(IANS)
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