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ढाई हजार तीर्थयात्री केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के बने साक्षी, यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद

Two and a half thousand pilgrims witnessed the closure of the doors of Kedarnath Dham, the doors of Yamunotri Dham were also closed. - Dehradun News in Hindi

केदारनाथ, । चारधाम यात्रा 2023 अब समापन की ओर है। मंगलवार को सबसे पहले गंगोत्री धाम के कपाट बंद हुए। उसके बाद आज यानि बुधवार को केदारनाथ धाम के कपाट पूरे विधि विधान के साथ बंद हुए। शीतलहर तथा बर्फ के बीच केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज बुधवार कार्तिक मास शुक्ल पक्ष द्वितीया, वृश्चिक राशि, ज्येष्ठा नक्षत्र के शुभ अवसर पर सुबह साढ़े आठ बजे विधि-विधान से शीतकाल हेतु बंद हो गए। आजकल केदारनाथ का पूरा इलाका बर्फ की चादर ओढ़े है। आधा फीट बर्फ मौजूद है, लेकिन कपाट बंद के समय मौसम साफ रहा। इस अवसर पर मंदिर को विशेष रूप से फूलों से सजाया गया और ढाई हजार से अधिक तीर्थयात्री कपाट बंद होने के गवाह बने।इस दौरान सेना के भक्तिमय धुनों के साथ जय केदार तथा ऊं नम शिवाय के उदघोष से केदारनाथ गूंज उठा। कपाट बंद होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी डोली हजारों तीर्थयात्रियों के साथ सेना के बैंड बाजों के साथ पैदल प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए प्रस्थान हुई।श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ( बीकेटीसी) अध्यक्ष अजेंद्र अजय मंगलवार को कपाट बंद की तैयारियों के लिए केदारनाथ पहुंच गये थे। बुधवार को इस अवसर पर उनके साथ असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा की धर्मपत्नी मीडिया दिग्गज रिनिकी भुयान शर्मा तथा परिजन भी मौजूद रहे।बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रेरणा तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में केदारनाथ यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हो रहा है। इस यात्रावर्ष साढ़े उन्नीस लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान केदारनाथ के दर्शन किए। उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी संस्थानों को भी बधाई दी।बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह ने बताया कि केदारनाथ धाम में कपाट खुलने की तिथि से मंगलवार 14 नवंबर तक 19,57,850 (उन्नीस लाख सत्तावन हजार आठ सौ पचास) तीर्थयात्रियों ने दर्शन किए। मंदिर में नित्य नियम पूजा- अर्चना तथा दर्शन हुए, फिर कपाट बंद होने की प्रक्रिया के तहत स्वयंभू शिवलिंग से श्रृंगार अलग कर केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग की उपस्थिति में पुजारी शिवलिंग ने स्थानीय शुष्क पुष्पों, ब्रह्म कमल, कुमजा, राख से समाधि रूप दिया गया।अजेंद्र अजय पूरे समय मौजूद रहे। साथ ही जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन के अधिकारी, मुख्य कार्याधिकारी योगेन्द्र सिंह, तीर्थपुरोहित समाज के पदाधिकारी मौजूद रहे। केसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि, कपाट बंद होने के बाद केदारनाथ भगवान की पंचमुखी डोली पहले पड़ाव रामपुर पहुंचेगी। 16 नवंबर को पंचमुखी डोली गुप्तकाशी पहुंचेगी। 17 नवंबर शुक्रवार को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति शीतकालीन पूजा स्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। इसके बाद शीतकालीन पूजास्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में केदारनाथ भगवान की शीतकालीन पूजा हो जायेगी। केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही भैया दूज पर विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट भी बंद हो गए। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकाल के 6 महीने मां यमुना के दर्शन खरसाली खुशी मैथ में होंगे। यमुनोत्री धाम उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में है। इस साल यमुनोत्री धाम के दर्शन करने के लिए 735,040 (7 लाख 35 हजार 40) श्रद्धालु पहुंचे।--आईएएनएस

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Web Title-Two and a half thousand pilgrims witnessed the closure of the doors of Kedarnath Dham, the doors of Yamunotri Dham were also closed.
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