देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा के बर्खास्त 228 कर्मचारियों के समर्थन में भाजपा सांसद और पूर्व कानून मंत्री डॉ सुब्रमण्यम स्वामी के आने से सरकार के इस फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। सुब्रह्मण्यम स्वामी ने अपनी सरकार के इस फैसले को गलत करार देते हुए इसे आर्टिकल 14 का उल्लंघन बताया। इसे लेकर अब विधानसभा अध्यक्ष की प्रतिक्रिया सामने आई है। विधानसभा अध्यक्ष रितु खंडूरी का कहना है कि सुब्रमण्यम स्वामी बहुत बड़े वकील हैं और वह यह केस लड़ना चाहते हैं। मेरी ओर से उन्हें बधाई। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पहले ही फैसला सुना दिया है। मैं युवाओं के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करूंगी। यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। इसलिए इसमें मेरा बोलना उचित नहीं है। साथ ही इस मामले में राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए, मैंने जो भी फैसला किया था वह बिल्कुल सही था। इसलिए मुझे अपने फैसले पर भी किसी तरह का पछतावा नहीं है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने सुब्रमण्यम स्वामी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर सुब्रमण्यम स्वामी अनियमित नियुक्तियों के पक्ष में खड़े हो रहे हैं तो यह कदापि ठीक नहीं है।(आईएएनएस)
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