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उत्तराखंड : सीएम पुष्कर सिंह धामी ने किया नई शिक्षा नीति-2020 का आगाज, देश का बना पहला राज्य

CM Dhami launched new education policy in Uttarakhand, became the first state in the country. - Dehradun News in Hindi

देहरादून। उत्तराखंड में 12 जुलाई यानी आज से नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। राज्य में सर्वप्रथम विद्यालयी शिक्षा के अंतर्गत प्राइमरी एजुकेशन में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को शुरू किया गया है। विद्यालयी शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी पहले ही पूरी कर ली थी। शिक्षा महानिदेशालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बालवाटिकाओं का उद्घाटन कर सूबे में नई शिक्षा नीति का औपचारिक रूप से विधिवत शुभारंभ किया।

देश का बना पहला राज्य:

इसके साथ ही उत्तराखंड एनईपी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। राज्य के समस्त जनपदों में विकासखंड स्तर पर चिन्हित को-लोकेटेड आंगनबाड़ी केन्द्रों में वृहद रूप से बालवाटिकाओं का क्षेत्रीय विधायक एवं स्थानीय जनप्रतिनिधि उद्घाटन करेंगे। जिसमें शिक्षाविद्, अभिभावक एवं छात्र-छात्राएं शामिल होंगे।

शिक्षा मंत्री ने क्या कहा:

शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि राज्य में बीस हजार से अधिक आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं। जिसमें से प्रथम चरण में शिक्षा विभाग के अंतर्गत राजकीय प्राथमिक विद्यालयों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केन्द्रों में एनईपी के तहत बालवाटिका कक्षाओं का संचालन शुरू किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सूबे में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केन्द्र स्वीकृत हैं, जिसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित किये जा रहे हैं, जिनमें 14,555 आंगनबाड़ी वर्कर्स तैनात हैं।

बच्चों को पढ़ाया जायेगा एनईपी के प्रावधानों के तहत:


इसके अलावा आंगनबाड़ी केन्द्रों में 14,249 सहायिकाएं एवं 4,941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता नियुक्त हैं। डॉ. रावत ने बताया कि राज्य में प्री-प्राइमरी स्तर पर बालवाटिकाओं में बच्चों को एनईपी के प्रावधानों के तहत पढ़ाया जायेगा। जिसके लिये पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। शिक्षा मंत्री धन सिंह ने बताया कि राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद द्वारा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं शिक्षकों के लिये हस्तपुस्तिका, बच्चों के लिये तीन अभ्यास पुस्तिका स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन तैयार की गई हैं।

रावत ने बताया कि सूबे में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू किये जाने को लेकर विद्यालयी शिक्षा विभाग द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गईं हैं। उन्होंने कहा कि बालवाटिका कक्षाओं के शुभारम्भ अवसर पर मुख्यमंत्री के द्वारा प्रारम्भिक शिक्षा निदेशालय के नव निर्मित भवन का लोकार्पण किया जायेगा। इसके साथ ही एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) के भवन का शिलान्यास भी किया जायेगा। उन्होंने आगे बताया कि कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

नई शिक्षा नीति 2020:

भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 आरंभ की है। जिसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं। नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है। नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100 प्रतिशत जी ई आर के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा। पहले 10 प्लस 2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था। परंतु अब नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5 प्लस 3प्लस 3 प्लस 4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा। यह नेशनल एजुकेशन पोलिसी 2014 के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का घोषणा पत्र में शामिल था।

एमवाईएनईपी 2020 प्लेटफॉर्म का शुभारंभ:


तत्कालीन केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के द्वारा एनसीटीई प्लेटफार्म पर एमवाईएनईपी 2020 प्लेटफार्म लांच किया गया था। यह प्लेटफॉर्म 1 अप्रैल 2021 से लेकर 15 मई 2021 तक कार्यशील रहा था। इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल प्रोफेशनल स्टैंडर्ड फॉर टीचर एवं नेशनल मिशन फॉर मेंटरिंग प्रोग्राम में बरशिप के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया था। इस प्लेटफार्म के माध्यम से सभी हितधारकों से ड्राफ्ट के लिए सुझाव, इनपुट तथा सदस्यता आमंत्रित की गई थी। इन हितधारकों में शिक्षक, शिक्षा पेशेवर, शिक्षाविद एवं अन्य शिक्षा से संबंधित हितधारकों को शामिल किया गया था। यह प्लेटफार्म एक डिजिटल परामर्श के रूप में कार्यरत था। इस प्लेटफार्म के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पॉलिसी की दो प्रमुख सिफारिशों के में ऊपर दस्तावेज तैयार करने में मदद प्राप्त हुई थी।

एनसीसी वैकल्पिक विषय:

नई शिक्षा नीति के अंतर्गत एनसीसी को प्रोत्साहन देने का प्रावधान है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए यूजीसी एवं एनआईसीटी द्वारा एनसीसी को विश्वविद्यालयों में एक वैकल्पिक विषय के रूप में चुनाव किए जाने का निर्णय लिया गया है। एनसीसी के माध्यम से देश के विद्यार्थी अनुशासित एवं देश भक्त बन पाएंगे। एनसीसी के लिए एक सामान्य वकलपीत क्रेडिट पाठ्यक्रम होता है। जिसकी जानकारी एनसीसी निदेशालय के कमांडिंग अफसर द्वारा सभी विश्वविद्यालयों तथा टेक्निकल संस्थानों के कुलपतियों को प्रदान की गई है। इस पाठ्यक्रम के बारे में भी कमांडिंग अफसर द्वारा विस्तृत जानकारी प्रोजेक्शन एवं ब्रीफिंग के द्वारा प्रदान की गई है।

--आईएएनएस

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