देहरादून । चारधाम यात्रा में इस
बार कई नए रिकॉर्ड बने हैं। तीर्थयात्रियों की संख्या ने इस बार यात्रा के
सारे रिकॉर्ड तोड़ कर नए रिकॉर्ड बनाए हैं। अब तक चारधाम यात्रा में 42 लाख
से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। अब तक बदरीनाथ धाम में 15.14 लाख,
केदारनाथ धाम में 14.25, गंगोत्री में 6.0 लाख, यमुनोत्री में 4.73 लाख से
अधिक यात्री दर्शन कर चुके हैं।
वही इस बार की चारधाम यात्रा में बीते पांच सालों के बाद इस बार सबसे अधिक
तीर्थयात्रियों की मौत भी हुई है। मई से शुरू हुई यात्रा में अब तक 311
तीर्थयात्रियों की मौत हो चुकी है। इसमें केदारनाथ धाम के पैदल मार्ग पर
135 श्रद्धालुओं ने दम तोड़ा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, कुल
मौतों में 75 प्रतिशत लोगों की पहले से किसी गंभीर बीमारी से ग्रसित होने
और अचानक हार्टअटैक के कारण मौत हुई है, जबकि 25 प्रतिशत की मौत दुर्घटनाओं
से हुई है।
कोविड महामारी के कारण दो साल बाद इस बार चारधाम यात्रा
बिना किसी रोकटोक के संचालित हुई है। तीन मई को गंगोत्री व यमुनोत्री धाम
के कपाट खुले, जबकि केदारनाथ धाम के 6 मई और बदरीनाथ के कपाट 8 मई को खुले
थे। यात्रा शुरू होते ही चारधामों में दर्शन के लिए तीर्थयात्रियों की भारी
भीड़ उमड़ी रही। चारधाम यात्रा में इस बार जहां तीर्थयात्रियों ने नया
रिकॉर्ड बनाया। वहीं, चारों धामों के यात्रा मार्गो पर तीर्थयात्रियों की
मौत का आंकड़ा भी बढ़ा है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़े बताते हैं कि
इस बार केदारनाथ धाम में 135, बदरीनाथ में 75, यमुनोत्री में 80 और
गंगोत्री धाम के रूट पर 21 तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
सरकार
और स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा रूटों पर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 180
से अधिक डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया गया था, लेकिन केदारनाथ और
यमुनोत्री धाम के लिए पैदल चढ़ाई करते समय हार्टअटैक से भी कई
तीर्थयात्रियों की मौत हुई है।
प्रभारी सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. आर.
राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा में स्वास्थ्य सेवाओं के लिए
पर्याप्त डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ तैनात किया गया था। यात्रा मार्गो पर
अब तक 311 यात्रियों की मौत हुई है। इसमें 75 प्रतिशत की मौत पहले से किसी
बीमारी से ग्रसित या हार्टअटैक से हुई है।
चारधाम यात्रा मार्गो
पर तीर्थयात्रियों की मौतें बढ़ने पर सरकार ने स्वास्थ्य परीक्षण करने के
निर्देश दिए। इसके बाद विभाग ने ऋषिकेश समेत यात्रा पड़ाव पर
तीर्थयात्रियों के स्वास्थ्य का परीक्षण शुरू किया। जो यात्री स्वस्थ नहीं
थे, उन्हें यात्रा न करने की सलाह भी दी।
अगर बीते कुछ वर्षो में
चारधाम यात्रा में आये श्रद्धालुओं की मौत के आंकड़ों की बात करे तो साल
2017 में 112 यात्रियों की मौत हुई थी। साल 2018 में 106 यात्रियों की और
साल 2019 में सबसे कम 91 यात्रियों की मौत हुई थी। हालांकि इस बार चारधाम
यात्रा ने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, लेकिन यात्रा खत्म होने में
अभी कुछ ही समय ओर बचा है। अब ये देखना और दिलचस्प होगा कि यह यात्रा और
कितने नए रिकॉर्ड अपने नाम करती है।
--आईएएनएस
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