वाराणसी। उत्तर प्रदेश के पातालपुरी मंदिर के महंत बालक दास ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को रामचरितमानस की एक प्रति इस उम्मीद के साथ भेजी है कि इसे पढऩे से उनकी सोच शुद्ध होगी। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि मुझे उम्मीद है कि एक बार रामचरितमानस को पढऩे के बाद उनकी सोच शुद्ध होगी। उन्होंने कहा कि वह जय श्री राम के नारे का विरोध कर रही हैं, जो भगवान राम के प्रति उनकी नफरत को दर्शाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस करण एक दिन उनका पतन होना निश्चित है। मैंने उन्हें शास्त्र की एक प्रति भेजी है और मुख्यमंत्री से इसे पढऩे का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि वे शास्त्र को समझने में ममता की मदद करने को तैयार हैं और उन्हें और अधिक प्रतियां भेजना जारी रखेंगे। रामचरितमानस 16वीं शताब्दी के भक्ति पंथ के कवि गोस्वामी तुलसीदास द्वारा रचित हिंदी की अवधी बोली में एक महाकाव्य कविता है।
रामचरितमानस का शाब्दिक अर्थ है राम के कर्मों की झील। इसे हिंदी साहित्य की सबसे बड़ी कृतियों में से एक माना जाता है। इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यह घोषणा की थी कि पार्टी कार्यकर्ता मुख्यमंत्री ममता को 10 लाख पोस्टकार्ड भेजेंगे, जिस पर जय श्री राम लिखा होगा। ममता राज्य में जय श्री राम का जाप करने वाले भाजपा कार्यकर्ताओं पर नकेल कस रही हैं।
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