वाराणसी। धार्मिक नगरी काशी में उत्तर से दक्षिण का समागम करने के लिए श्री विशाखा शारदा पीठम की तीन दिवसीय आध्यात्मिक सनातन कुंज सम्मेलन की शुरुआत आज से हुई।
तीन दिवसीय आध्यात्मिक सनातन कुंज का मुख्य उद्देश्य पूरी दुनिया में हिंदू संस्कृति और सनातन हिंदू धर्म का प्रचार करना है। इस आयोजन में हजारों की संख्या में संत और विद्वान शामिल होंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सनातन कुंज आयोजन के मैनेजर बीवी सुंदर शास्त्री ने आईएएनएस से बताया कि 'श्री शारदा पीठम' की ओर से स्वामी स्वात्मानेंद्र सरस्वती और उनके गुरु स्वरूपानंद स्वामी के द्वारा काशी के केदारखंड में सनातन कुंज कार्यक्रम का आयोजन कराया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय इस कार्यक्रम की शुरुआत आज सुबह साढ़े छह बजे शिवाला घाट से हुई जिसमें करीब 500 लोग बाहरी जिलों और राज्यों से आए। स्नान के बाद उन्हें संकल्प कराया गया। ज्योति प्रज्वलन से शतचंडी महारुद्र यज्ञ का प्रारंभ किया गया।
आंध्र प्रदेश, हैदराबाद नाट्य मंडली द्वारा नाटक का मंचन भी किया जाएगा।
शारदा पीठम के उत्तराधिकारी स्वात्मानेंद्र सरस्वती ने कार्यक्रम को लेकर बताया कि काशी में बहुत भव्य रूप से सनातन कुंज नाम से आयोजन हो रहा है। आज इसकी बहुत जरूरत है। हमारे गुरु स्वरूपानंद सरस्वती जी के प्रेरणा से संकल्प लिया है कि काशी नगरी में उत्तर और दक्षिण भारत का सांस्कृतिक सम्मेलन होना है इसलिए यहां से लोग आ रहे हैं।
उन्होंने आगे बताया कि देश के कई प्रांतों से महात्मा पुरुष आ रहे हैं। जिसमें रामभद्राचार्य जी और सच्चिदानंद जी लोग शामिल हैं। सनातन कुंज में विशेष क्या है, सनातन धर्म का पालन कैसे करना है और सनातनी कैसे बनना है, इन सभी विषयों पर बात होगी।
--आईएएनएस
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