वाराणसी। उत्तर प्रदेश की समाजवादी महिला प्रदेश अध्यक्ष रिबू श्रीवास्तव ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा के केरल के वायनाड से नामांकन दाखिल करने पर उन्हें एक निर्भय नेता बताया और कहा कि वह महिलाओं से जुड़े मुद्दों को निर्भीकता से रखती हैं।
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रिबू श्रीवास्तव ने कहा, “प्रियंका गांधी ने हाल ही में अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं, और उनकी नेता के रूप में पहचान और महिलाओं के मुद्दों पर उनकी निर्भीकता को देखकर यह कहा जा सकता है कि वह एक महत्वपूर्ण राजनीतिक चेहरा बनती जा रही हैं। इस चुनाव में, यह संभवतः उनका पहला प्रयास है, और ऐसा लगता है कि जहां से भी वह चुनावी मैदान में उतरेंगी, उनकी जीत सुनिश्चित होगी। हमारी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।”
प्रियंका गांधी के नामांकन पर उन्होंने कहा, “प्रियंका गांधी का नामांकन दाखिल करना एक महत्वपूर्ण कदम है। उनकी नेतृत्व क्षमता और महिलाओं के मुद्दों पर उनकी आवाज इस चुनाव में महत्वपूर्ण साबित होगी। पूरे प्रदेश में समाजवादी पार्टी का संगठन मजबूत हो रहा है, और महिलाओं का समर्थन लगातार बढ़ता जा रहा है। यह स्पष्ट है कि महिलाओं का रुझान अब भाजपा की ओर नहीं है, और वे समाजवादी पार्टी के साथ खड़ी हैं। इस प्रकार, प्रियंका गांधी का चुनावी मैदान में उतरना और समाजवादी पार्टी का महिला समर्थक दृष्टिकोण एक नई दिशा की ओर इशारा कर रहा है। हमें उम्मीद है कि यह चुनाव देश की राजनीति में सकारात्मक बदलाव लाएगा।”
उन्होंने संपूर्णानंद को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा, “मैं अखिल भारतीय कायस्थ महासभा की अध्यक्ष हूं, और हमारे संगठन के लोग इस मुद्दे को लेकर बहुत आहत हैं। संपूर्णानंद सिर्फ एक मुख्यमंत्री नहीं थे। उनकी पहचान एक भारत रत्न के रूप में भी है। वह आजमगढ़ में जन्मे, लेकिन उनकी कर्मभूमि बनारस रही, जहां उन्होंने शिक्षा और विकास के क्षेत्र में अनगिनत योगदान दिए।”
उन्होंने संपूर्णानंद के योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा, “मुख्यमंत्री रहते हुए वह किराए के मकान में रहे, और उनके कार्यकाल के बाद भी उनके पास खुद का घर नहीं था। उन्होंने संपूर्णानंद विश्वविद्यालय की स्थापना की और काशी के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। लेकिन वर्तमान में केंद्र की सरकार उनके योगदान को नजरअंदाज कर रही है, जिससे समाज के एक बड़े हिस्से में आक्रोश है।”
उन्होंने कहा, “हाल ही में लाल बहादुर शास्त्री के नाम पर मुगलसराय स्टेशन का नाम बदलने की कोशिशें भी यही दिखाती हैं कि सरकार किस तरह से महापुरुषों का अपमान कर रही है। गाय समाज और कायस्थ महासभा के लोग इस स्थिति से बेहद नाखुश हैं। इस समाज के लोग हमेशा देश की दिशा तय करने में महत्वपूर्ण रहे हैं, लेकिन भाजपा की सरकार उनके योगदान को मिटाने का प्रयास कर रही है।”
उन्होंने कहा, “महिलाओं का समर्थन समाजवादी पार्टी की ओर बढ़ रहा है, खासकर उन महिलाओं के बीच जो पहले भाजपा को वोट देती थीं। उनका मानना है कि भाजपा सरकार ने उनके अधिकारों और सुरक्षा को लगातार नजरअंदाज किया है। इस सरकार ने जो नारे दिए थे, जैसे "बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ," वे अब सिर्फ जुमलेबाजी बनकर रह गए हैं।”
--आईएएनएस
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