उन्होंने कहा कि हमारा परिवार बढ़ते प्याज के दाम से खासा प्रभावित हुआ है
और जब प्याज का दाम 100 रुपए किलो तक पहुंच गया, तब हमारे परिवार ने पूजन
कर संकल्प लिया कि अब प्याज नहीं खाएंगे, क्योंकि अब ये आम आदमी के बजट के
बाहर चला गया है। अमृता ने कहा, हमने पंडितजी से प्याज की कथा सुनी और
लोगों को प्याज दान भी किया।
उन्होंने कहा कि जिस तरह प्याज के दाम आसमान
छू रहे हैं, उससे अब ये आम आदमी के पहुंच से बाहर हो गया है। ऐसे में प्याज
को अब पूजने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह गया है। उन्होंने कहा कि हम
प्याज को बैंक के लॉकर में भी रखवाने जा रहे हैं। अभी तो परिवार के लोगों
ने इसे महंगाई के कारण खाना छोड़ दिया है।
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