वाराणसी। उत्तर प्रदेश के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) से निष्कासित छात्र गौरव सिंह की हत्या मामले में नामजद छात्र रूपेश तिवारी को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया। इस मामले में फरार अभियुक्त विनय द्विवेदी की तलाश की जा रही है। वहीं चीफ प्रॉक्टर रोहिना सिंह के मामले में पुलिस अभी साक्ष्य जुटा रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लंका थाने के इंस्पेक्टर भारत भूषण तिवारी ने बताया कि कुमार मंगलम और बांदा के अंतरा स्थित टीचर्स कॉलोनी के आशुतोष त्रिपाठी को पहले गिरफ्तार कर लिया गया था। रूपेश अस्पताल में भर्ती था। उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया है। अभियुक्त विनय द्विवेदी की तलाश पुलिस कर रही है। वहीं चीफ प्रॉक्टर रोहिना सिंह पर धारा 120 के तहत मुकदमा दर्ज है। उन पर हत्या की सजिश का आरोप है।
पुलिस इस मामले की जांच कर रही है। चीफ प्रॉक्टर अभी कई दिनों से बाहर गई हुई हैं। उनके आने पर वह भी पुलिस को कुछ सबूत मिल सकते हैं।
तिवारी ने बताया कि रूपेश धर्मपुरा खरगापुर टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) का रहने वाला है। उसके पास .32 बोर की पिस्टल व कारतूस बरामद किए गए। वह विश्वविद्यालय में रहकर पढ़ाई करता है।
उन्होंने बताया कि रूपेश ने पूछताछ में बताया कि गौरव सिंह का भाई सौरभ सिंह उसके हर काम का विरोध करता था। गौरव भाई का पक्ष लेकर आए दिन मारपीट करने के साथ ही फर्जी मुकदमे फंसता रहता था। इसको लेकर हत्या की योजना मंगलम सिंह ने बनाई थी।
इसके बाद चार असलहा लेकर बिहार के शूटर रावण व प्रोफेसर के साथ मंगलम, विनय द्विवेदी, आशुतोष त्रिपाठी गए और घटना को अंजाम दिया।
वारदात के बाद उसने तीन असलहे रख लिए और बाद में दो असलहों को विनय द्विवेदी को दे दिया। वहीं एक असलहा शूटर ले गए हैं। इंस्पेक्टर लंका का कहना है कि जल्द ही शूटरों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
हत्या की वारदात को अंजाम देने वाले शूटर रावण व प्रोफेसर की तलाश में लंका पुलिस की एक टीम ने बिहार के बक्सर जिले में कई जगहों पर दबिश दी। पुलिस को अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
पुलिस शूटरों के परिजनों पर भी दबाव बना रही है। वहीं उनके करीबियों पर भी नजर रखी जा रही है।
गौरतलब है कि बीएचयू परिसर स्थित बिड़ला चैराहा के पास मंगलवार देर शाम बाइक सवार चार बदमाशों ने एमसीए के निष्कासित छात्र गौरव सिंह पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे गौरव की मौत हो गई थी।
इस वारदात से गुस्साए छात्रों ने ट्रॉमा सेंटर में तोड़फोड़ की। गौरव के पिता बीएचयू में ही कर्मचारी थे। वर्ष 2017 में बीएचयू में हुए बवाल का गौरव आरोपी भी था। इस कारण वह निष्कासित भी हुआ था।
-आईएएनएस
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