लखनऊ। मोदी-योगी सरकार की खिलाफत का माहौल बनाने में जुटी भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी लेनिनवादी) आज वाराणसी में पूर्वांचल स्तरीय 'जवाब दो' रैली निकाल रही है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पार्टी मोदी व योगी की सरकारों की जनता से वादाखिलाफी पर जवाब मांग रही है। इसके लिए उत्तर प्रदेश के तीन केंद्रों पर रैली, धरना व सम्मेलन करेगी। इसके तहत बुधवार को वाराणसी में, 22 जून को गोरखपुर में मंडल स्तरीय 'जवाब दो' धरना और 26 जून को राजधानी लखनऊ में 'जवाब दो' सम्मेलन आयोजित होगा।
मंगलवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान भाकपा (माले) की केद्रीय समिति सदस्य कृष्णा अधिकारी और राज्य स्थायी समिति सदस्य रमेश सिंह सेंगर ने बताया कि वाराणसी में रैली को मुख्य वक्ता के रूप में भाकपा (माले) के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य संबोधित करेंगे। रैली के माध्यम से पिछड़े पूर्वांचल के विकास के लिए विशेष पैकेज की मांग की जाएगी।
उन्होंने बताया कि रैली में बलिया, गाजीपुर, मऊ, आजमगढ़, चंदौली, सोनभद्र, मिर्जापुर, भदोही, वाराणसी आदि जिलों से हजारों की संख्या में जनता भाग लेगी। वहीं गोरखपुर धरने में देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज, गोरखपुर जिलों से लोग जुटेंगे, जबकि लखनऊ सम्मेलन में अवध, तराई, बुंदेलखंड व पश्चिम के जिले भाग लेंगे।
कृष्णा अधिकारी ने कहा कि मोदी सरकार ने अच्छे दिन लाने, काला धन विदेश से वापस लाकर हर देशवासी के खाते में 15-15 लाख रुपये पहुंचाने, युवाओं को प्रति वर्ष दो करोड़ रोजगार देने, किसानों को फसल का दोगुना दाम देने आदि बहुतेरे वादे किए थे। इन वादों को पूरा करने के बजाय चार साल में विकास के नाम पर जुमलेबाजी और जनता से धोखा किया गया।
उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, संविधान और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों पर हमले किए जा रहे हैं। इन सारे सवालों पर केंद्र की राजग सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
वहीं, सेंगर ने कहा कि प्रदेश में योगी सरकार का भी एक साल बीत चुका है। उसके सबसे बड़े वादों में शुमार किसान कर्जमाफी और 'न गुंडाराज न भ्रष्टाचार' का वादा सबसे बड़ा छलावा साबित हुआ है। दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों और महिलाओं पर हमले बेतहाशा बढ़े हैं। इन्हें न्याय देने की बात तो दूर, बलात्कारियों, दबंगों व दंगाइयों को संरक्षण देने और फर्जी एनकाउंटर के लिए योगी सरकार कुख्यात हुई है।
उन्होंने कहा कि 14 दिनों में गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने और कालेज में प्रवेश लेने पर युवाओं को लैपटॉप देने जैसे वादे धरे रह गए। योगी के आने के बाद गोरखपुर व आसपास के जिलों में इन्सेफलाइटिस व नवजात शिशुओं की मौतों में इजाफा हुआ। गरीबों को राहत पहुंचाने की कौन कहे, राशन, भूमि, आवास आदि बुनियादी जरूरतों से भी उन्हें वंचित किया जा रहा है। इन तमाम मुद्दों और वादों पर योगी सरकार से जवाब मांगा जाएगा।
--आईएएनएस
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