वाराणसी । पूर्व विधायक विजय मिश्रा को लाइसेंस रद्द होने के बावजूद हथियार सहित फरार होने के मामले में दो साल कैद की सजा सुनाई गई है। उत्तर प्रदेश के भदोही में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट मुकेश कुमार की अदालत ने उन्हें आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत दो साल के कारावास और 10,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है, जबकि धारा 30 के तहत उन्हें छह महीने के कठोर कारावास और 5,000 रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई गई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पुलिस अधीक्षक (एसपी) भदोही अनिल कुमार ने कहा कि विजय मिश्रा के खिलाफ गोपीगंज पुलिस में शस्त्र अधिनियम की धारा 25 और 30 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जब वह लाइसेंस रद्द करने के बावजूद हथियार लेकर भाग गया था।
उन्होंने कहा कि साक्ष्य एकत्र करने, पुलिस द्वारा वैज्ञानिक जांच, अभियोजन पक्ष द्वारा एसीजेएम की अदालत के समक्ष मामले का गहन अध्ययन करने से आरोपी को सजा हुई।
जेल में बंद माफिया पर हत्या, लूट, अपहरण, बलात्कार, संपत्ति हड़पने, धोखाधड़ी, रंगदारी समेत 83 मामले पहले ही दर्ज हैं।
विजय मिश्रा, उनके परिवार के सदस्यों और गिरोह के सदस्यों की कई करोड़ की चल-अचल संपत्ति भी गैंगस्टर एक्ट के तहत कुर्क की गई थी।
2002 और 2017 के बीच ज्ञानपुर सीट से चार विधानसभा चुनाव जीतने वाले विजय मिश्रा वर्तमान में आगरा जेल में बंद हैं।
भदोही जिले के ज्ञानपुर से निषाद पार्टी के पूर्व विधायक मिश्रा को अगस्त 2020 में मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र के आगर जिले से गिरफ्तार किया गया था।
ज्ञानपुर निर्वाचन क्षेत्र से चार बार के विधायक मिश्रा को कथित रूप से संपत्ति हथियाने और कृष्ण मोहन तिवारी के परिवार को जान से मारने की धमकी देने के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था।
--आईएएनएस
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