उन्नाव। एक किसान के साथ एक गंभीर धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें उसे 30 साल पहले मृत बताया गया और इस फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के आधार पर उसकी जमीन बेच दी गई। आरोप है कि किसान का फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र प्रधान, लेखपाल और कानूनगो की मदद से तैयार किया गया था। इस मामले में अब डीजीपी, मुख्यमंत्री, जिला अधिकारी और पुलिस कप्तान को शिकायत करने के बावजूद किसान को न्याय नहीं मिला है।
जानकारी के मुताबिक जब सभी प्रयास विफल हो गए, तब किसान ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट के आदेश के बाद, संबंधित सभी व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मामला न केवल किसानों के अधिकारों की सुरक्षा की आवश्यकता को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किस प्रकार से कुछ अधिकारी मिलकर फर्जी दस्तावेज तैयार कर सकते हैं। इस मामले में न्याय की उम्मीद अब उच्च न्यायालय के आदेश पर टिकी हुई है, और सभी आरोपी अब कानून की गिरफ्त में आएंगे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
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