सुल्तानपुर। तीन साल पुराने गैंगरेप मामले में पाक्सो कोर्ट ने पूर्व एमएलए अरुण वर्मा को बरी कर दिया है। ये मामला जिले के जयसिंहपुर कोतवाली के चोरमा गांव का है, जिसमें फरवरी 2017 में पीड़िता की हत्या हो चुकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अक्टूबर 2013 का है मामला
5 अक्टूबर 2013 को जयसिंहपुर कोतवाली के चोरमा गांव निवासी राजेंद्र सिंह ने बेटी के गायब होने की एफआईआर दर्ज कराई थी, ठीक दूसरे दिन 6 अक्टूबर को उसे बरामद कर लिया गया। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा जहां पीडिता ने एमएलए के पक्ष में बयान दिया। इसके बाद पुलिस ने 2 फरवरी 2014 को विधायक अरुण वर्मा, पूनम यादव और धीरेंद्र का नाम मुक़दमें से निकाल दिया। जबकि अंशु सिंह, गुड्डू लाला और अंजुम खान को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया।
पीडिता के पिता ने 319 के अन्तर्गत लगाई थी अर्जी
इसी बीच सितम्बर 2016 को पिता राजेंद्र ने धारा 319 के अन्तर्गत कोर्ट में इस आशय के साथ अर्जी दी कि एमएलए को केस में आरोपी बनाया जाए। कोर्ट में इस अर्जी के पड़ने के बाद से कई पेशियां पड़ी लेकिन वादी कोर्ट में हाज़िर ही नहीं हुआ। तभी 13 फरवरी को केस में नया मोड़ आ गया, पीडिता की घर से 100 मीटर की दूरी पर स्थित पंचायत भवन के पास लाश पाई गई। इस केस में भी पुलिस ने पिता की तहरीर पर एमएलए समेत अज्ञात के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया।
सोमवार को बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने रखी ये दलीलें
सोमवार को गैंगरेप से जुड़े केस की पाक्सो कोर्ट में तारीख़ थी, कोर्ट ने पीडिता के पिता राजेंद्र की 319 की अर्जी पर सुनवाई शुरु की। जहां वादी पक्ष को सुनने के बाद न्यायधीश अनिल यादव ने बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा की दलीलों को सुना। बचाव पक्ष के अधिवक्ता अरविंद सिंह राजा ने कोर्ट से कहा कि वादी पक्ष इस तरह की अर्जी डालकर कोर्ट की कार्रवाई में बाधा पहुंचाने का काम कर रहा है, जबकि माननीय हाईकोर्ट ने 30 मई 2016 के अपने आदेश में 4 माह के अंदर केस के निस्तारण का आदेश दिया था।
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