सुल्तानपुर। इस्लाह माशरा (सोसाईटी को भलाई की ओर ले जानें) पर जलसे का आयोजन ईदगाह कमेटी के तत्वाधान में धरावां गांव के ईदगाह परिसर में हुआ। जलसे को सम्बोधित करते हुए बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर आफ़ाकी ने कहा कि भारत बहुत ही सुंदर मुल्क है। यहां जितना लोगों ने पसीना बहाया है, मुसलमानों का उससे ज्यादा खून बहाया गया। हमको बिरदारने वतन से मिलकर रहने की जरूरत है। नेगेटिव सोच को आप खत्म करें।
सिर्फ दो रोटी खा-कमा लेने के लिए नहीं पैदा हुआ इंसान
श्री आफ़ाकी ने कहा कि मुसलमान अल्लाह की रस्सी को पकड़े, अल्लाह (ईश्वर) ने दुनिया में इसलिये नही भेजा है कि वो सिर्फ दो वक्त की रोटी खा-कमाए। उन्होंने कहा कि आप इस्लाम के मानने वाले हो और इस्लाम का अर्थ समझने के लिए कुरान का अध्य्यन करना पड़ेगा। उन्होंने ये भी कहा कि यहां उपस्थित लोगों में से दो-चार लोगों को छोड़ दे तो बाकि लोग अभी इस्लाम का अर्थ भी नहीं बता पायेंगे। इस्लाम का मतलब है अल्लाह के आगे समर्पित हो जाना। उसके कानूनों का पालन करना।
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