शिवम तिवारी, सीतापुर। यहां क्षेत्र में गेहूं खरीद व्यवस्था शासन के दावों के ठीक विपरीत है। केंद्रों पर केवल बैनर टांग कर इतिश्री कर ली गई। न तो कोई कर्मचारी, न ही तौल की व्यवस्था है। किसान आते हैं और बैनर देखकर लौट जाते हैं। मजबूरी में जरूरतमंद किसान बिचौलियों को सस्ती दर पर गेहूं बेचकर अपने खर्च चला रहे हैं। एक ओर मुख्यमंत्री निर्देश दे रहे हैं कि किसानों को किसी तरह की समस्या न हो। अधिकारी बराबर नजर रखें, तब भी केंद्रों का यह हाल है। रेउसा साधन सहकारी समिति पर पीसीएफ का गेहूं क्रय केंद्र है। यहां केवल बैनर नजर आता है। इस कारण साधन सहकारी समिति रेउसा में अभी तक गेहूं खरीद शुरू नहीं हुई है। इसी तरह थौरा, तरसेवरा और राजापुर केंद्र पर भी गेहूं की खरीद शुरू नहीं हो सकी है। बम्हनावा प्रधान पंकज ¨सह ने कहा अभी तक कोई भी क्रय केंद्र चालू नहीं है। किसान केंद्र खुलने का इंतजार कर रहे हैं, जो जरूरतमंद हैं वह तो सस्ती दर पर गेहूं बेचने को विवश हैं। सालपुर के श्रीप्रकाश अवस्थी ने कहा कि केंद्र न खुलने से गेहूं बाजार में कम दामों पर बेचना किसानों की मजबूरी है। यहां किसान तेरह सौ से चौदह सौ रुपये प्रति ¨क्वटल की दर से गेहूं बेच रहे हैं। भदेवा के अशोक बाजपेयी ने कहा कि सरकारी केंद्रों पर निगरानी नहीं हो रही। किसानों को नुकसान हो रहा है। नई सरकार के निर्देश भी अधिकारियों के लिए मायने नहीं रखते। मल्लापुर के विपिन सह ने कहा जरूरतमंद किसानों के सामने बिचौलियों को बेचना मजबूरी है। ठेकेदारपुरवा के दीन बंधु यादव ने बताया कि केंद्रों पर खरीद करने के निर्देश हैं, लेकिन यहां मनमानी चल रही है। बरौली के परमेश पाण्डेय ने कहा कि गेहूं क्रय केंद्र खुलवाएं जाएं और दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जाए। एसडीएम बिसवां यूपी सह ने कहा कि गेहूं खरीद केंद्र बंद हैं, तो जांच कर कार्रवाई की जाएगी। केंद्रों का निरीक्षण वह स्वयं करेंगे। केंद्र प्रभारी जरूरी संसाधनों के साथ खरीद करें। किसानों को किसी तरह की दिक्कत होगी तो कार्रवाई की जाएगी।
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