सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में बाढ़ से हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है। इसके कारण लोगों को काफी मुश्किलें उठानी पड़ रही हैं। इस बीच भारत के पड़ोसी देश नेपाल ने भारी बारिश के चलते एक बार फिर राप्ती नदी में पानी छोड़ा है।
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बताया जा रहा है कि नेपाल की ओर से पानी छोड़े जाने के बाद राप्ती और उसकी सहायक नदियां खतरे के निशान को पार कर गई हैं। जनपद में आई बाढ़ के कारण हजारों बीघा फसल बर्बाद हो गई है। हालांकि, प्रशासन की ओर से जरूरी कदम भी उठाए जा रहे हैं।
बाढ़ प्रभावित भगवतापुर गांव के रहने वाले सरफराज ने बताया कि बाढ़ के पानी ने उनके घर को अपनी चपेट में ले लिया है। प्रशासन और नेताओं की ओर से उन्हें अभी तक किसी भी तरह की कोई मदद नहीं मिल पाई है। गांव के लोगों के पास खाने-पीने की भी कोई व्यवस्था नहीं है।
वहीं, छात्र शिवम ने बताया कि बूढ़ी राप्ती नदी में आई बाढ़ के चलते उन्हें काफी परेशानी उठानी पड़ रही है। किसी तरह की कोई मदद नहीं मिलने के कारण पानी में चलकर ही स्कूल जाना पड़ता है। सरकार की ओर से भी कोई मदद नहीं मिली है।
इस बीच बस्ती मंडल के कमिश्नर अखिलेश सिंह ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “इस बार बाढ़ ने समय से पहले ही दस्तक दी है। सिद्धार्थनगर में करीब 80 गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। इन गांवों में नावों की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रभावितों को खाने का सामान मुहैया कराए जाने का निर्देश दिया है। गांवों के प्रधान और तहसीलदार की मदद से लोगों तक भोजन पहुंचाया जाएगा।”
उन्होंने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में फंसे मरीजों की इलाज की भी व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल बाढ़ का आलम यह है कि सिद्धार्थनगर के कई गांवों के अंदर तक पानी पहुंच गया है। मंडल के कमिश्नर ने भी जिले में बाढ़ क्षेत्र का दौरा किया और अधिकारियों को लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाने का निर्देश दिया है।
--आईएएनएस
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