एसआईटी से
पहले मामले की जांच से जुड़े रहे एक पुलिस सूत्र ने नाम उजागर न करने की
शर्त पर आईएएनएस को बताया, पीडि़त के पिता द्वारा स्वामी चिन्मयानंद के ऊपर
लगाया गया अपहरण का आरोप भी मौजूदा हालात में सिरे से ढेर हुआ मालूम पड़
रहा है।
सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय पीठ (न्यायमूर्ति आर. भानुमति और
न्यायमूर्ति ए.एस. बोपन्ना) के सामने बंद कमरे में हुई सुनवाई में छात्रा
ने मान लिया कि वह खतरे के चलते स्वेच्छा से ही कमरे में ताला लगाकर परिचित
लडक़े के साथ चली गई थी। लेकिन इतने भर से चिन्मयानंद की मुसीबतें खत्म या
कम नहीं हो जाएंगी। बशर्ते पीडि़ता ने अदालत में गवाह और सबूत मजबूती से
पेश कर दिए तो।
बरेली रेंज के पुलिस उप-महानिरीक्षक राजेश कुमार पाण्डेय ने
आईएएनएस से कहा, हमारी जिम्मेदारी पीडि़ता और परिवार को सुरक्षा देने की
है। इसका हमने इंतजाम कर दिया है। दो गनर (एक महिला एक पुरुष) पीडि़ता के
साथ रहेंगे। दो गनर पीडि़ता के भाई, मां और पिता के घर से बाहर आने-जाने के
वक्त उनकी सुरक्षा करेंगे। जिस स्थान पर भी पीडि़त परिवार रहेगा, वहां एक
और तीन (हथियार सहित एक हवलदार और तीन सिपाही) की गारद 24 घंटे मुस्तैद
रहेगी।
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