राजीव शर्मा,शाहजहांपुर। पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री एवं अयोध्या मंदिर विवाद के उच्चाधिकार समिति के सदस्य स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने कहा है कि गौ हत्या पर भारत सरकार को कड़े से कड़ा कानून बनाना चाहिए क्योंकि राज्यों द्वारा बनाया गया कानून पूरी तरह से इसलिए प्रभावी नहीं हो पाता कि पड़ोसी राज्यों में गौ हत्या पर ढील रहती है।
स्वामी चिन्मयानंद सरस्वती ने Khaskhabar.com से बातचीत में कहा कि अंग्रेजों व मुसलमानों के समय मे भी गौ हत्या नहीं होती थी। 1951 में पशु गणना में 1000 पशु पर 400 गोवंश थे। आज यह गणना 100 से भी नीचे आ गई है। उन्होंने छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के सरकार द्वारा गौ हत्या पर फांसी के कानून पर कहां की रमन सिंह सरकार ने जो निर्णय लिया है वह स्वागत योग्य है।
वहीं असम बंगाल त्रिपुरा सहित पूर्वोत्तर राज्यों में गोवंश पर प्रतिबंध नहीं है यह पूछे जाने पर कि अगर पूर्वोत्तर राज्यों में हाल ही में चुनाव होने वाले हैं इसीलिए वहां प्रतिबंध नहीं लगाया गया इस पर उन्होंने कहा कि भारत सरकार जब तक कानून नहीं बनाती है तब तक राज्यों के कानून बनाने से कोई विशेष फायदा नहीं होगा और पूर्वोत्तर राज्यों में प्रतिबंध ना लगाना यह चुनाव का प्रश्न नहीं है।
अयोध्या मंदिर मस्जिद विवाद पर चिन्मयानंद ने कहा कि लखनऊ हाईकोर्ट की बेंच ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर सुनवाई की और उसमें साबित हो चुका है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई और कोर्ट ने यह भी कहा था कि भूमि को तीन हिस्सों में बांट दिया जाए जिसे किसी ने स्वीकार नहीं किया, अब हमारे पास दो रास्ते हैं की या तो कोर्ट के निर्णय का इंतजार करें या फिर संसद में कानून बनाने का और कानून बनाने के लिए हमारे पास पर्याप्त आधार उपलब्ध है समय पर कानून बनाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस विवाद का पहल पहला मुकदमा 1850 ई में हुआ था जिसे 132 साल बीत चुके हैं और सब मंदिर के ही पक्ष में है परंतु मुट्ठी भर मुसलमानों का समूह इस मामले को लंबा खीचता जा रहा है और कुछ राजनीतिक दल इस विवाद को कायम रखना चाहते हैं क्योंकि वह हिंदू मुसलमान के चक्कर में देश को बांट रहे हैं।
श्री सरस्वती ने कहा की अवैध मांस की बिक्री समेत सभी गैर कानूनी धन्धे बंद होने चाहिए और मुसलमानों को चाहिए कि वह अब दूसरे धंधे ढूंढ लें उन्हें सरकार की ओर से सरकारी सहायता भी मिलेगी हमारा प्रदेश कई समस्याओं से जूझ रहा है अभी तक कानून-व्यवस्था गुंडों के हाथों में गिरबी थी इन्हीं सब के लिए योगी की प्रदेश को आवश्यकता थी और अब पूरे प्रदेश में अमन चैन का वातावरण होगा।
उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि योगी को संघ के कहने पर मुख्यमंत्री नहीं बनाया गया है 325 विधायकों की बैठक में सबसे पहला नाम सुरेश खन्ना ने लिया था और हमारे घटक दलों ने इसका समर्थन किया तभी योगी को मुख्यमंत्री चुना गया।
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